INDvsWI : वनडे सीरीज खत्‍म हो गई, मौका मिलने का इंतजार करते ही रह गए ‘बेचारे’ ऋषभ पंत…

नई दिल्‍ली: वेस्‍टइंडीज के खिलाफ पांच मैचों की वनडे सीरीज के लिए टीम इंडिया जब कैरेबियन द्वीप रवाना हुई थी तो हर किसी को उम्‍मीद थी कि इसमें युवा खिलाड़ियों को जौहर दिखाने का मौका मिलेगा. दौरे के लिए घोषित की गई टीम में ऋषभ पंत, कुलदीप यादव जैसे खिलाड़ी थे. इन दोनों के अलावा चैंपियन ट्रॉफी में महज ‘दर्शक’ बनकर रह गए मोहम्‍मद शमी और दिनेश कार्तिक के लिए भी इस दौरे को उपयोगिता साबित करने का अवसर माना जा रहा है. टूर में ‘बेंच स्‍ट्रेंथ’ को परखने के लिहाज से वजह भी थीं. सितारा विहीन इंडीज वनडे टीम मौजूदा टीम इंडिया के मुकाबले बेहद कमजोर थी और वर्ल्‍डकप-2019 से पहले यह सीरीज युवा खिलाड़ि‍यों को परखने के लिहाज से बढ़ि‍या ‘प्‍लेटफॉर्म’ मानी जा रही थी. बहरहाल, इस सीरीज में कुलदीप यादव, शमी और कार्तिक को तो खेलने का मौका मिल गया, लेकिन युवा विकेटकीपर बल्‍लेबाज ऋषभ पंत अपनी बारी का इंतजार ही करते रह गए. भारतीय टीम को अब वेस्‍टइंडीज दौरे में एक टी20 मैच रविवार को खेलना है.

प्रतिभावान ऋषभ पंत के ‘वनडे डेब्‍यू’ को लेकर क्रिकेटप्रेमियों में खासी उत्‍सुकता थी. बाएं हाथ के आक्रामक बल्‍लेबाज पंत का हाल का प्रदर्शन जबर्दस्‍त रहा है. रंजी ट्रॉफी और फिर आईपीएल में अपने प्रदर्शन से उन्‍होंने हर किसी की प्रशंसा हासिल की है. उन्‍हें भविष्‍य में विकेटकीपर बल्‍लेबाज महेंद्र सिंह धोनी के विकल्‍प के रूप में तैयार करने की बात भी हो रही है. पंत को लेकर यह उम्‍मीद तब परवान चढ़ती नजर आई जब दूसरे वनडे मैच के बाद विराट कोहली ने इस युवा को आगे के मैचों में प्‍लेइंग इलेवन में हिस्‍सा देने के संकेत दिए. लेकिन मैच गुजरते गए और पंत को लेकर यह उम्‍मीद दम तोड़ती गई. वैसे इस सीरीज में ‘चाइनामैन’ कुलदीप यादव को सभी पांच मैच खेलने का मौका मिला. जिसमें उन्‍होंने 19.75 के औसत से आठ विकेट हासिल किए. अपनी गेंदबाजी से उन्‍होंने वेस्‍टइंडीज के बल्‍लेबाजों को परेशान किया.

अंडर-19 वर्ल्‍डकप में बेहतरीन प्रदर्शन कर चुके पंत ने इस वर्ष जनवरी में भारतीय सीनियर टीम में स्‍थान बनाया था लेकिन उनके खाते में अब तक एक टी20 इंटरनेशनल मैच ही दर्ज है. ऋषभ ने अपने टी 20 करियर का आगाज इंग्‍लैंड के खिलाफ 1 फरवरी 2017 को बेंगलुरू में किया था. वर्ल्‍डकप 2019 में अभी करीब दो वर्ष बाकी हैं. ऐसे में भारतीय टीम प्रबंधन को ऋषभ पंत और कुलदीप यादव जैसे युवा खिलाड़ियों को अधिक से अधिक ‘इंटरनेशनल एक्‍सपोजर’ देना होगा.

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