ब्रिटेन में भारतीय छात्र परेशान

लंदन।एजेन्सी। ब्रिटेन ने कोरोना वायरस की गंभीर स्थिति को देखते हुए भारत को ट्रैवल की ‘रेड लिस्ट’ में डाल दिया है । इसके बाद से भारतीय मूल के छात्र और परिवार असमंजस एवं तनाव का सामना कर रहे हैं। भारत को इस सूची में डाले जाने के बाद अब ब्रिटेन में केवल ब्रिटिश और आइरिश नागरिक ही प्रवेश कर सकते हैं। रेड लिस्ट वाला स्टेटस स्थानीय समयानुसार शुक्रवार सुबह चार बजे से प्रभावी है। ब्रिटेन के इस फैसले से पहले वहां के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने भी अपनी भारत यात्रा को रद्द कर दिया था। ब्रिटेन के लिए भारत की रेड लिस्ट के प्रभावी होने का मतलब है कि जिन लोगों के पास ब्रिटेन में वैध रूप से निवास करने का अधिकार है, उन्हें वहां प्रवेश करने पर अतिरिक्त आर्थिक भार का सामना करना पडेगा। ब्रिटेन में भारतीय छात्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले समूह नेशनल इंडियन एंड एल्यूमनी यूनियन यूके से सनम अरोड़ा ने कहा, ‘क्वारंटीन की लागत और नए प्रतिबंधों को लेकर लोगों में चिंता बनी हुई है कि इससे कैसे ग्रेजुएट वीजा रूट वाले छात्रों की पात्रता पर प्रभाव पड़ेगा, जिसके लिए इन छात्रों को विशेष तारीखों पर ब्रिटेन में होने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘छात्रों को अपने अंतिम सेमेस्टर के लिए यात्रा करनी थी। इन सभी चिंताओं और प्रश्नों को स्पष्ट करने के लिए हम गृह विभाग को तुरंत लेटर लिख रहे हैं। छात्रों से जुड़ी एक सबसे बड़ी चिंता ये भी है कि उन्हें ब्रिटेन पहुंचने पर ही निवास के लिए परमिट मिल सकेगा। ब्रिटेन ने ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए आवेदन हेतु तारीखों को बढ़ा दिया था। अब छात्र इस परेशानी में भी हैं, कि क्या इस डेडलाइन को आगे और भी बढ़ाया जाएगा । इसके अलावा अगर वह ब्रिटेन जाएंगे भी तो भी उन्हें क्वारंटीन के खर्च के लिए अतिरिक्त पैसा खर्च करना पड़ेगा।

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