सस्टेनेबल विकास के लिए भारतीय ज्ञान प्रणाली महत्वपूर्ण: डॉक्टर गीता जैन
By india warta/ देहरादून। गवर्नमेंट दून मेडिकल कॉलेज में आज “भारतीय ज्ञान प्रणाली, विज्ञान और प्रौद्योगिकी का विकसित भारत में योगदान” पर “विज्ञान मंथन” का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता गवर्नमेंट दून मेडिकल कॉलेज की प्रधानाचार्य प्रोफेसर (डॉ.) गीता जैन ने की, और मुख्य अतिथि के रूप में फारेस्ट रिसर्च इंस्टिट्यूट के डीन एकेडेमिक्स डॉ. विनीत कुमार ने कार्यक्रम को अपनी उपस्थिति से गौरवान्वित किया।डॉ. विनीत कुमार ने भारतीय ज्ञान प्रणाली और विज्ञान-प्रौद्योगिकी के माध्यम से स्कूली शिक्षा को सशक्त बनाने पर जोर दिया। उन्होंने “थिंक ग्लोबली, एक्ट लोकली” के सिद्धांत के तहत भारत में उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों का विकास करने की आवश्यकता पर बल दिया, जो वैश्विक समस्याओं का समाधान कर सकें। साथ ही, उन्होंने स्कूली शिक्षा में शोध और नवाचार आधारित शिक्षण को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर भी चर्चा की, जिससे बच्चों के अंदर नवाचार की भावना का विकास हो सके। कार्यक्रम में भारत की तकनीकी उन्नति, सस्टेनेबल एनर्जी सोर्सेज, सस्टेनेबल एजुकेशन, और हेल्थ सिस्टम को भारतीय ज्ञान प्रणाली के साथ कैसे जोड़ा जाए, इस पर भी चर्चा की गई। नई शिक्षा नीति के तहत स्किल डेवलपमेंट और इंटरडिसिप्लिनरी शिक्षा पर विशेष जोर दिया गया है, जो एक शोध और नवाचार आधारित इकोसिस्टम को प्रोत्साहित करेगा और 2047 के “विकसित भारत” के लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायक सिद्ध होगा।इस विज्ञान मंथन में विभिन्न प्रतिष्ठानों के विशेषज्ञों ने अपने विचार साझा किए। इस अवसर पर वाडिया इंस्टिट्यूट के डॉ. सोमदत्त और डॉ. सौरभ, इसरो देहरादून के डॉ. सरनाम, ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी की डॉ. रीमा, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ पेट्रोलियम के डॉ. दीपेंद्र और डॉ. रोबिंद्र, दून यूनिवर्सिटी के डॉ. एच सी पुरोहित, यूपीईएस यूनिवर्सिटी के डॉ. ध्रुव, डॉ. मोहित और डॉ. शौर्य ने भी अपने विचार साझा किए। इस अवसर पर श्री लक्ष्मी जायसवाल, दून मेडिकल कॉलेज के डॉ. अभय कुमार, डॉ. अनंत, डॉ. भवतोष शर्मा, डॉ नरेंद्र, श्री विवेक, श्री मयंक, और श्री श्रीकांत भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्ष डॉक्टर गीता जैन ने कहा कि भारतीय ज्ञान प्रणाली और विज्ञान के अद्वितीय योगदान पर विचार मंथन आवश्यक है, जिससे भारत के भविष्य की दिशा में सकारात्मक ऊर्जा और प्रेरणा का संचार होगा।