भारत-नेपाल के बीच वर्षो पुराना रोटी-बेटी संबंध सीमा विवाद की भेंट चढ़ गया,नेपाल ने भारतीयों के लिए बंद किया पुल

पिथौरागढ़ । भारत-नेपाल के बीच वर्षो पुराना रोटी-बेटी संबंध सीमा विवाद की भेंट चढ़ गया है। चीन की दखल ने आग में घी का काम किया है। पिछले कुछ समय से भारत की ओर किए जा रहे तमाम कोशिशों के बावजूद पड़ोसी देश नेपाल के साथ रिश्ते सहज नहीं हो पा रहे हैं। भारत की तरफ से बार-बार दिखा दरियाली दिखाने के बावजूद नेपाल मित्रता भूलता जा रहा है। इस ताजा उदाहरण भारत-नेपाल सीमा पर देखने के मिल रहा है। कोरोना संकट के कारण करीब सात माह से बंद पड़े बॉर्डर को भारत सरकार ने खोल दिया है, लेकिन नेपाल की ओली सरकार इसके लिए सहमत नहीं है। नेपाल ने बॉर्डर के अपनी तरफ पुलिस बल तैनात कर सीमा को बंद कर रखा है। इससे भारत के सीमा खोलने के बावजूद दोनों देशों के बीच आवाजाही सामान्य नहीं हो पा रही है। चीन की तरह नेपाल भी अब भारत के खिलाफ दोहरा चरित्र अपना रहा है। वह कहता कुछ है और करता कुछ है। शुक्रवार को झूलापुल में भी यही देखने को मिला। नेपाल ने अपने नागरिकों के लिए भारत में प्रवेश के दौरान तो झूलापुल खोला, लेकिन जब भारतीय नागरिक अपने रिश्तेदारों से मिलने नेपाल जाने लगे तो प्रहरियों ने पुल बंद कर दिया। डेढ़ घंटे से अधिक समय तक नेपाली नागरिक पुल पर बैठे रहे। भारत-नेपाल सीमा पर शुक्रवार को नेपाल प्रहरियों ने डेढ़ घंटे से अधिक समय तक पुल बंद रखा। इससे नेपाल, अपने रिश्तेदारों से मिलने जा रहे भारतीय नागरिक फंस गए।लोगों ने कहा कि पुल खुलने पर उन्हें अपने रिश्तेदारों को सामान देने जाना था। लेकिन पुल बंद होने से उन्हें दिक्कत हुई। हांलाकि बाद में नेपाल प्रहरियों ने पुल खोल दिया। नेपाली पेंशनरों की समस्या को देखते हुए नेपाल से भारत से तीन दिन के लिए सुबह नौ से दोपहर दो बजे तक पुल खुलने की अपील की। भारत प्रशासन की सहमति के बाद पहले दो दिन निर्धारित समय तक दोनों देशों की तरफ से पुल खुले रहे, लेकिन अंतिम दिन नेपाल की तरफ से झूलापुल पर कुछ घंटों के लिए ताले लगा दिए गए। इससे लोगों में आक्रोश है।

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