भारत माता की जयकार क्षण-प्रतिक्षण का विषय नहीं अंतर्मन में जागरण जरूरी
मथुरा । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि वर्तमान में ऐसा उज्ज्वल दौर शुरू हो चुका है, जिसमें भारत पूर्व से भी अधिक शक्तिशाली विश्वगुरु के रूप में उभरेगा। भारत माता की जय-जयकार क्षण-प्रतिक्षण का विषय नहीं है, बल्कि इसे ध्यान द्वारा अंतर्मन में जागृत करने की जरूरत है। जीवन को संस्कारित बनाने के लिए ध्यान की आवश्यकता है। आज जीवनचर्या विविध प्रपंचों से भरी है। मानव को भविष्य का भय है तो भूतकाल की कटु स्मृतियां भी हैं लेकिन इनसे वर्तमान को प्रभावित नहीं करना चाहिए। जीवन में छोटी-छोटी बातों का अनुसरण करना चाहिए। वह आज वृंदावन के निकुंजवन में नवनिर्मित मानसी ध्यान केंद्र के उद्घाटन समारोह में आए थे। इस कार्यक्रम में यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ और योगगुरु बाबा रामदेव ने भी शिरकत की।
संत आध्यात्मिक चेतना के केंद्र बिंदु : योगी
समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राष्ट्रधर्म सबसे बड़ा धर्म है। इसको जातीयता, क्षेत्रवाद, संप्रदाय से ऊपर उठकर देखना चाहिए। भारत के मूल में अध्यात्म है और आध्यात्मिक चेतना के केंद्र बिंदु देश के संत हैं। आज सम्पूर्ण भारत में 12 लाख से अधिक संत आध्यात्मिक जनजागरण का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने करीब 15 छुट्टियों की छुट्टी कर दी, जिससे राजस्व में छह हजार करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई है। सरकारी कार्य में तेजी आई। साथ ही स्कूली बच्चों को हमारे महापुरुषों के विषय में जानकारी हासिल हुई।
पुरुषार्थ से सपनों के भारत का निर्माण : रामदेव
योगगुरु बाबा रामदेव ने कहा कि हमें भगवान राम-कृष्ण से प्रेरणा लेते हुए पुरुषार्थ को अपने जीवन में उतारना होगा। अगर आज 250 करोड़ हाथ एक साथ पुरुषार्थ करें, तो संतों और प्रधानमंत्री मोदी के सपनों के भारत का निर्माण किया जा सकता है। इसके अलावा बाबा रामदेव ने गोवर्धन के आन्यौर जाकर भगवान संकर्षण के विग्रह का अभिषेक भी किया।
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