अधूरी तैयारियों के बीच थोड़ी देरी बाद शुरू होगा 37वां अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला

नई दिल्ली । अधूरी तैयारी के बीच 37वें अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले का शुभारंभ मंगलवार की सुबह राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद करेंगे। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु समारोह की अध्यक्षता करेंगे। खास बात यह कि उद्घाटन भले हो जाए, लेकिन इस बार राष्ट्रपति मेला नहीं घूम पाएंगे।

वजह, सोमवार देर शाम तक भी कोई मंडप या हॉल इस स्थिति में नहीं था कि सुबह उसका अवलोकन किया जा सके। बहरहाल, व्यापार मेले में इस बार व्यापारी दर्शकों के लिए सिर्फ चार दिन रखे गए हैं। दर्शकों को टिकट न मेले के प्रवेश द्वार पर मिलेंगे और न ही प्रगति मैदान मेट्रो स्टेशन पर।

अन्य मेट्रो स्टेशनों पर टिकटों की बिक्री शुरू हो चुकी है। व्यापारिक दिवसों के लिए 42 मेट्रो स्टेशनों पर मंगलवार से टिकट मिलने लगेगा। रोजाना मेले में सिर्फ 60,000 लोगों को ही प्रवेश मिलेगा। इससे ज्यादा टिकट ही नहीं बेची जाएंगी। 10 नवंबर से ऑनलाइन टिकटों की बिक्री शुरू हो गई है।

आइटीपीओ के अनुसार मेले में 24 के करीब देश हिस्सा ले रहे हैं। विदेशी प्रतिनिधि भी 67 देशों से आ रहे हैं। 285 से अधिक विदेशी कंपनियां आ रही हैं। पार्टनर देश वियतनाम, फोकस देश किर्गिस्तान और पार्टनर राज्य झारखंड है। फोकस राज्य हरियाणा व उत्तर प्रदेश हैं।

मेले में चीन हिस्सा ले रहा है, लेकिन पाकिस्तान नहीं आ रहा है। इसके अलावा हांगकांग, यूएई, थाईलैंड, श्रीलंका आदि समेत कई बड़े देश इसमें हिस्सा ले रहे हैं।

निर्माण कार्य की वजह से मेले में जगह की कमी है। ऐसे में इस बार डिफेंस पवेलियन नहीं होगा। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के नाम पर हंसध्वनि थियेटर में सिर्फ राज्य दिवस समारोहों का आयोजन किया जाएगा। मेले के आकर्षण का केंद्र रहा फव्वारा भी इस बार नहीं होगा।

इस जगह पर सबसे बड़ा हैंगर बनाया गया है। जिनमें राज्यों को जगह दी गई है। मेले के लिए मात्र छह प्रवेश द्वार होंगे। पाकिर्ंग की व्यवस्था इंडिया गेट और भैरो मार्ग पर की जा रही है। राज्य मंडप सोमवार देर शाम तक तैयार नहीं हो पाए थे। दिल्ली मंडप में कुछ खास नहीं होगा।

यहां केवल मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के फोटो नजर आएंगे। कहने को मंडप में नौ तिहाड़ हाट सहित विभागों के स्टॉल होंगे। हरियाणा, दिल्ली, उत्तराखंड, झारखंड इत्यादि मंडप तैयार करने का काम भी चल ही रहा है।

उत्तर प्रदेश मंडप को बाहर से पूरी तरह भगवा रंग दिया गया है। गोरखपुर के मठ को भी इसमें जगह दी गई है। काशी विश्वनाथ मंदिर और अयोध्या के घाट की झलक भी यहां मिलेगी।

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