हमारे लिए आज भी सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखना अहम : रविकांत

ऋषिकेश । आज एम्स ऋषिकेश में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री  की जयंती धूमधाम से मनाई गई।राजकीय अवकाश होते हुए भी एम्स में ओपीडी आईपीडी एवं ऑपरेशन थिएटर में रोजमर्रा की तरह काम हुआ ।कार्यक्रम की शुरुआत निदेशक प्रोफेसर रविकांत द्वारा राष्ट्रपिता तथा लाल बहादुर शास्त्री जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ हुई। अपने संबोधन में निदेशक रविकांत ने कहा की गांधी जी एवं शास्त्री जी के जीवन से हमें ढेर सारी प्रेरणा मिलती है।सबसे बड़ी बात तो यह कि किसी भी क्षेत्र का व्यक्ति हो,  लोग उसकी तभी सुनेंगे जब वह शिक्षित हो, गांधीजी बैरिस्टर थे, अत: लोगों ने उनकी सुनी।गांधी जी की दूसरी प्रमुख सीख ग्राहक के बारे थी कि ग्राहक राजा होता है। यहां मरीजों की वजह से हम है न कि हमारी वजह से मरीज।अत: हमें अपनी सारी प्लैनिंग मरीजों की सुविधा को केंद्र में रख कर ही करनी होगी। गुस्से पर कंट्रोल करने के बारे में भी हमें गांधीजी से सबक लेना चाहिए कि क्रोध आने पर हमे किसी दूसरे काम में अपना ध्यान लगाना चाहिए ताकि क्रोध में हम कोई गलत निर्णय न  लें।जब भारत आजादी का जश्न मना रहा था तब गांधीजी दिल्ली में उपस्थित नहीं थे बल्कि नावाखली में सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए काम कर रहे थे, हमारे लिए आज भी सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखना अहम है।छोटे छोटे वाक्यों में अपनी बात दृढ़ता से कैसे रखी जा सकती है यह बात शास्त्री जी से सीखी जा सकती है।इस अवसर पर स्वछता के लिए कॉलेज क्षेत्र में पारिवारिक एवं सामुदायिक चिकित्सा विभाग को प्रथम तथा आयुष विभाग की द्वितीय पुरस्कार प्रदान किया गया। अस्पताल श्रेणी में यह सौभाग्य ब्लड बैंक और गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग को प्राप्त हुआ। आवासीय परिसर में नर्सिंग हॉस्टल को स्वछता में पहला तथा इंटर्न हॉस्टल को दूसरा पुरस्कार प्राप्त हुआ। कार्यक्रम के अंत में संकाय सदस्यों, अधिकारियों तथा कर्मचारियों द्वारा अस्पताल परिसर में विशेष स्वच्छता अभियान चलाया गया।

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