वर्चुअल हैकथॉन साइबरसिक्योरिटी अवेयरनेस वर्ल्डवाइड 2020 में आईआईटी रुड़की के छात्रों ने शीर्ष स्थान हासिल किया

रुड़की, । भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रुड़की के छात्रों की एक टीम ने आईआईटी कानपुर में आयोजित वर्चुअल हार्डवेयर हैकथॉन में एंबेडेड सिक्योरिटी चैलेंज जीता है। विजेता टीम को 50,000 रुपए का नकद पुरस्कार दिया गया। साइबरसिक्योरिटी अवेयरनेस वर्ल्डवाइड 2020 नाम से आयोजित यह प्रतियोगिता दुनिया के सबसे पुराने हैकथॉन में से एक है। इसमें साइबर सिक्योरिटी से संबंधित नौ प्रतियोगिताओं में 90 देशों के 1225 छात्रों ने हिस्सा लिया। प्रतियोगिता का उद्देश्य साइबर सुरक्षा के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाना था।विजेता टीम में चार सदस्य शामिल थे। इसमें कानव गुप्ता, बी.टेक (चतुर्थ वर्ष, कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग), मानस चौधरी, बी.टेक (तृतीय वर्ष, मैकेनिकल इंजीनियरिंग), अदृज़ शिखर, बी.टेक (तृतीय वर्ष, पॉलिमर साइंस और इंजीनियरिंग), गौरव गनानी, बी.टेक (द्वितीय वर्ष, केमिकल इंजीनियरिंग) शामिल थे। कुल अंकों के आधार पर, टीम ने भारत में पहला और दुनिया भर में तीसरा स्थान हासिल किया।आईआईटी रुड़की में बीटेक (कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग) चतुर्थ वर्ष के छात्र व टीम का नेतृत्व करने वाले कानव गुप्ता ने कहा, “हमें बाइनरी की एक श्रृंखला दी गई जो एक Risc-V बोर्ड पर चलती है। हमारे लिए यह आवश्यक था कि हम बाइनरीज़ को रिवर्स करके उसके काम को समझें। हमने उनके काम में कमजोरियों की पहचान की और चुनौतियों को हल करने के लिए खाका तैयार किया। सफलतापूर्वक हल की गई प्रत्येक चुनौती के लिए, हमें “फ्लैग” नामक एक स्ट्रिंग मिली जिन्हें पॉइंट्स में बदला गया। प्रजेंटेंशन कार्यक्रम के बाद हमें एक समयबद्ध लाइव चैलेंज भी मिला और हमने उसे समय सीमा के भीतर सफलतापूर्वक हल किया और दुनिया में सबसे तेजी से हल किए बाइनरीज़ में दूसरा स्थान प्राप्त किया।”आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रो. अजीत के. चतुर्वेदी ने कहा,“साइबरसिक्योरिटी अवेयरनेस वर्ल्डवाइड 2020 से संबद्ध सिक्योरिटी चैलेंज जीतने पर मैं आईआईटी रुड़की टीम को बधाई देता हूं। यह आयोजन दुनिया भर के छात्रों को इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में अपनी दक्षता और नवीनता दिखाने के लिए एक मंच प्रदान करता है।”टीम की योजना है कि जीती गई राशि का उपयोग अन्य  उपकरण खरीदने के लिए किया जाए जो प्रयोग के लिए महत्वपूर्ण हो, क्योंकि हार्डवेयर हैकिंग आसान हो गई है। उन्होंने प्रयोग के लिए रास्पबेरी पाईस, गेमबॉय और अन्य हार्डवेयर खरीदने की भी योजना बनाई है।इस प्रतियोगिता में, आईआईटी रुड़की से दो टीमों इन्फोसेक आईआईटीआर और एसडीएस लैब्स ने कैप्चर द फ्लैग (सीटीएफ) चैलेंज में भाग लिया। प्रतियोगिता में भारत, उत्तरी अमेरिका, यूरोप और एमईएनए की सर्वश्रेष्ठ सीटीएफ टीमों की भागीदारी देखी गई, जिन्हें प्री-क्वालिफाइंग राउंड द्वारा चुना गया था। इन्फोसेक आईआईटीआर और एसडीएस लैब्स ने उम्दा प्रदर्शन किया और भारत में क्रमशः दूसरे और पांचवें स्थान पर रहा। वैश्विक स्तर पर, इंफोसेक आईआईटीआर ने 14वां स्थान, जबकि एसडीएस लैब्स ने 22वां स्थान हासिल किया। प्रतियोगिता एथिकल हैकिंग से संबंधित थी और टीम ने वेब / नेटवर्क एक्सप्लौयटेशन, क्रिप्टोग्राफी, बाइनरी हैकिंग, रिवर्स इंजीनियरिंग और अन्य सामान्य कंप्यूटर विज्ञान से संबंधित चुनौतियों को हल किया। इन्फोसेक आईआईटीआर टीम में ऋषि रंजन और सीएसई  तृतीय वर्ष के शुभांग त्रिपाठी, सीएसई द्वितीय वर्ष के अभिनव सैनी और इंजीनियरिंग फिजिक्स के तृतीय वर्ष  के मोहित शर्मा शामिल थे। एसडीएस लैब्स की टीम में ईसीई के चौथे वर्ष के सुप्रतीक दास और पीयूष सेठिया,मेकैनिकल के तीसरे वर्ष के मानस चौधरी और सीएसई दूसरे वर्ष के मीत शाह शामिल थे।

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