सुलभ, सुरक्षित और समावेशी शहरों के निर्माण में सहयोग के लिए आईआईटी रुड़की ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ अर्बन अफेयर्स (एनआईयूए) के साथ एमओयू साइन किया
बीएएसआईआईसी (BASIIC) प्रोग्राम के तहत परिकल्पित “सिटीज फॉर ऑल” के निर्माण लक्ष्य को आगे बढ़ाएगा एमओयू (MoU)
रुड़की, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ अर्बन अफेयर्स (एनआईयूए) ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रुड़की के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) साइन किया है। इस MoU के अंतर्गत आईआईटी रुड़की बिल्डिंग ऐक्सेसबल सेफ इंक्लूसिव इंडियन सिटीज (BASIIC)) प्रोग्राम के तहत सार्वभौमिक डिजाइन सिद्धांतों व समावेशी विकास के क्षेत्र में अपना सहयोग देगा। आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रो. अजीत के चतुर्वेदी व एनआईयूए के निदेशक श्री हितेश वैद्य के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।यह MoU फील्ड पॉलिसी, अनुसंधान, तकनीकी सहायता, ज्ञान निर्माण और प्रसार में सहयोग की सुविधा प्रदान करेगा। इस एसोसिएशन का उद्देश्य दोनों संस्थानों की तकनीकी क्षमताओं का लाभ उठाते हुए ऐसे भारतीय शहरों के निर्माण की रणनीति तैयार करना है जो दिव्यंगों, बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों के साथ-साथ आम जनों के लिए अधिक सुलभ, सुरक्षित और समावेशी हो। यह परिकल्पना की गई है कि यह एसोसिएशन भारतीय शहरों को कई गतिविधियों और साझेदारी परियोजनाओं के माध्यम से लाभान्वित करेगा जिन्हें, भविष्य में देश के अन्य दूसरे शहरों तक बढ़ाया और दोहराया जा सकता है।इस अवसर पर आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रो. अजीत के चतुर्वेदी ने कहा, “हम सुरक्षित और समावेशी स्मार्ट सिटीज के निर्माण में सरकार के प्रयासों को बढ़ाने के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ अर्बन अफेयर्स जैसे सर्वोच्च संस्थान के साथ साझेदारी करके गर्वन्वित हैं। यह एसोसिएशन मुख्य रूप से सार्वभौमिक डिजाइन और समावेशी विकास पर डोमेन विशेषज्ञता को समृद्ध करेगा और भारत में भविष्य के शहरों के अनुसंधान और कार्यान्वयन कार्यक्रमों में उत्कृष्टता विकसित करने की दिशा में ज्ञान साझा करने की सुविधा प्रदान करेगा। एनआईयूए के साथ साझेदारी भारतीय शहरों के साथ अनुसंधान, क्षमता विकास और अन्य भागीदारी के आदान-प्रदान के माध्यम से शहरी समावेश की दिशा में उभरती संभावनाओं को मजबूत करेगी।“वहीं, एनआईयूए के निदेशक श्री हितेश वैद्य ने कहा कि “यह एनआईयूए और आईआईटी रुड़की दोनों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है और इस साझेदारी के पीछे की प्रेरणाओं को लेकर मैं विशेष रूप से उत्साहित हूं। आईआईटी रुड़की एक उत्कृष्ट शैक्षणिक संस्थान है। इसकी वास्तुकला और योजना विभाग अपने अत्याधुनिक अनुसंधान और विशेषज्ञता के लिए विश्व स्तर पर प्रशंसित है। हमें खुशी है कि बीएएसआईआईसी (BASIIC) प्रोग्राम के तहत परिकल्पित बदलाव के हमारे प्रयास में एक ऐसा साथी मिल गया है जो सुलभ, समावेशी और सुरक्षित स्मार्ट सिटीज के निर्माण में अपनी सहायता प्रदान करेगा। एनआईयूए भी समावेशी विकास के क्षेत्र में खुद को मजबूती से स्थापित करने और माननीय प्रधानमंत्री के न्यू इंडिया के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। मैं इस साझेदारी को लेकर काफी उत्साहित हूँ और इसके साथ आने वाले स्मार्ट-टेक्निकल सोल्यूशंस की प्रतीक्षा कर रहा हूं, जो भारतीय शहरों को अधिक सुलभ और समावेशी बनाने के लिए नए सिरे से योजना बनाने में मदद करेंगे।”यह MoU आईआईटीआर के निदेशक प्रो. अजीत के चतुर्वेदी, उप-निदेशक प्रो. एम. परिडा, एसआरआईसी के डीन प्रो. मनीष श्रीखंडे, आर्किटेक्चर एंड प्लानिंग विभाग के प्रमुख प्रो. पीएस चानी, प्रो. गौरव रहेजा व अन्य फ़ैकल्टी मेंबर्स और आईआईटी रुड़की के छात्रों की उपस्थिति में 04 सितंबर 2020 को साइन किया गया। एनआईयूए की तरफ से एनआईयूए के निदेशक श्री हितेश वैद्य, कार्यक्रम प्रमुख और समन्वयक श्री एएन नंद किशोर व अन्य सहयोगियों की मौजूदगी रही। इस अवसर पर सीनियर सोशल डेवलपमेंट एडवाइजर सुश्री ममता कोहली, अर्बन एडवाइजर श्री हरप्रीत अरोड़ा व यूके सरकार के बीएएसआईआईसी (BASIIC) प्रोग्राम के अन्य सहयोगी भी उपस्थित थे।समझौता ज्ञापन के तहत, वास्तुकला और योजना विभाग, आईआईटी रुड़की अनुसंधान, क्षमता विकास और पहुंच समेत अन्य पहलों सहित सार्वभौमिक डिजाइन सिद्धांतों और समावेशी विकास के क्षेत्र में विशेषज्ञ के रूप में एनआईयूए का सहयोग करेगा। आईआईटी विशेषज्ञता, सुरक्षा और समावेशिता में विशेषज्ञता लाएगा और संयुक्त रूप से अनुसंधान और विकास, नवीन समाधान, ज्ञान प्रबंधन और प्रशिक्षण और क्षमता-निर्माण को समृद्ध करेगा। एनआईयूए कार्यक्रम के महत्वपूर्ण क्षेत्रों की पहचान करेगा, नीति में अनुसंधान और विकास में आवश्यक बुद्धिमत्ता, विशेषज्ञता और मार्गदर्शन प्रदान करेगा। आईआईटी रुड़की बीएएसआईआईसी (BASIIC) प्रोग्राम पार्टनर्स के साथ-साथ प्रासंगिक सरकारी निकायों व संस्थानों और शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) के साथ मिलकर काम करेगा।MOU के अनुसार, दोनों संस्थानों का अधिदेश सूचना के आदान-प्रदान और डेटा साझाकरण, समावेशी विकास से जुड़े अनुसंधान परियोजनाओं, संयुक्त गतिविधियों के लिए यात्राओं के आदान-प्रदान और अन्य गतिविधियों तक विस्तृत है। आईआईटी रुड़की से गौरव रहेजा (पहुंच और सार्वभौमिक डिजाइन विशेषज्ञ) और एनआईयूए से श्री एएन नंद किशोर (एफ़सीडीओ कार्यक्रम प्रमुख और समन्वयक) MoU के लिए प्रमुख समन्वयक होंगे।एनआईयूए ने बीएएसआईआईसी (BASIIC) कार्यक्रम के कार्यान्वयन के लिए विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय, यूके सरकार (एफ़सीडीओ) के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किया हुआ है। बीएएसआईआईसी (BASIIC) कार्यक्रम भारतीय स्मार्ट सिटीज में “सुलभता, सुरक्षा, विशिष्टता” के पहलुओं को बढ़ावा देने का प्रयास करेगा। कार्यक्रम के तहत, एनआईयूए ने “टेक्निकल असिस्टेंस एंड सपोर्ट यूनिट” की स्थापना की है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि समय पर तकनीकी सहायता और मार्गदर्शन से भारतीय शहरों तक पहुंच, सुरक्षा और समावेशिता के सिद्धांतों को बढ़ाया जा सके।