स्लाटर हाउस नहीं बना सकते तो उत्तराखंड को शाकाहारी प्रदेश घोषित कर दोः हाईकोर्ट
(इं.वा. संवाददाता)
नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट राज्य में स्लाटर हाउस मामले को लेकर सरकार की ओर से प्रस्तुत किए गए शपथपत्र पर सख्त नाराजगी व्यक्त की। कोर्ट ने सचिव शहरी विकास, जिलाधिकारी नैनीताल, नगरपालिका नैनीताल के अधिशासी अधिकारी नैनीताल, नगर आयुक्त नगर निगम हल्द्वानी, ईओ रामनगर, ईओ मंगलौर पालिका के खिलाफ आपराधिक अवमानना के आरोप तय कर दिए। साथ ही कोर्ट ने तीन सप्ताह में जवाब देने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने आज भी तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि यदि स्लाटर हाउस नहीं बना सकते तो उत्तराखंड को शाकाहारी प्रदेश घोषित कर दो। हाईकोर्ट प्रदेश में स्लाटर हाउस बनाने के आदेश 2011 में दे चुकी है, बावजूद इसके अभी तक आदेश का पालन नहीं किया जा सका है। मामले की सुनवाई मुख्य न्यायधिश रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में हुई। पूर्व में कोर्ट ने प्रदेश में अवैध रूप से संचालित स्लाटर हाउसों व उनमें बिक रहे मीट की जांच करने के आदेश सभी जिलाधिकारियों को दिए थे और उसकी रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने को कहा था परन्तु अभी तक रिपोर्ट पेश नहीं करने पर कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त करते हुए इनको कारण बताओ नोटिस जारी कर 25 नवम्बर को व्यक्तिगत रूप से पेश होने को कहा था। 2011 में कोर्ट ने प्रदेश में चल रहे अवैध स्लाटर हाउसों को बंद कराने के आदेश दिए थे और सरकार को ये भी आदेश दिए थे कि मानकों के अनुरूप स्लाटर हाउसों का निर्माण करे।