INDvsSL:लगातार छह फिफ्टी बनाने वाले केएल राहुल बोले, गलतियों से सीखने की कोशिश करता हूं
कोलंबो: चोट और फिर बुखार से उबरने के बाद भारतीय टेस्ट टीम में वापसी करने वाले सलामी बल्लेबाज केएल (लोकेश) राहुल ने श्रीलंका के खिलाफ दूसरे टेस्ट में अपनी छाप छोड़ी. उन्होंने मैच में लगातार छठी अर्धशतकीय पारी खेलते हुए रिकॉर्ड बनाया. पहले दिन के खेल की समाप्ति के बाद केएल राहुल ने कहा कि वह खुद को मिले मौकों को अहमियत को समझते हैं. उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ सिंहली स्पोर्ट्स क्लब मैदान पर खेले जा रहे दूसरे टेस्ट मैच में वापसी करते हुए 82 गेंदों में 57 रनों का पारी खेली. टेस्ट करियर का लगातार छठा अर्धशतक लगाने वाले वे देश के तीसरे बल्लेबाज बन गए हैं. उनसे पहले गुंडप्पा विश्वनाथ और राहुल द्रविड़ ने ऐसा किया था. राहुल ने पहले दिन का खेल खत्म होने के बाद कहा, “मैंने खेल में जब भी वापसी की है पूरी मजबूती से की है. रनों को लेकर मेरी भूख अब और बढ़ गई है. ”
भारत की तरफ से सबसे पहले टेस्ट में लगातार छह अर्धशतक विश्वनाथ ने लगाए थे. उन्होंने आस्ट्रेलिया के खिलाफ 1979-78 में खेले गए तीन टेस्ट मैचों की पांच पारियों और फिर पाकिस्तान के खिलाफ एक अर्धशतक लगाकर यह रिकार्ड कायम किया. उन्होंने मेलबर्न में खेले गए टेस्ट मैच की दोनों पारियों में 59, 54 की पारियां खेलीं. इसके बाद सिडनी में उन्होंने 79 रनों की पारी खेली. ऐडिलेड में खेले गए अगले मैच में उन्होंने 89 और 73 रनों का पारियां खेलीं. इसके बाद पाकिस्तान के खिलाफ फैसलाबाद में 145 रनों की पारी खेल लगातार छह अर्धशतक लगाने वाले पहले भारतीय बने.
विश्वनाथ के बाद टीम इंडिया के भरोसेमंद बल्लेबाज और पूर्व भारतीय कप्तान द्रविड़ ने नवंबर 1997 से मार्च 1998 के बीच विश्वनाथ की बराबरी की. जिसकी शुरुआत उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ नागपुर टेस्ट में 92 रनों की पारी खेलकर की. इसके बाद मुंबई में खेले गए टेस्ट की दोनों पारियों में द्रविड़ ने 93 और 85 रन बनाए थे. चेन्नई में खेले गए अगले मैच में उन्होंने फिर बल्ले से रन उगले और 52 तथा 56 रनों की पारियां खेलीं. यह मैच ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला गया था. इसके बाद उन्होंने कोलकाता में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 86 रन बनाए.
राहुल ने कोलंबो टेस्ट के पहले दिन का खेल खत्म होने के बाद कहा, “मैं कई बार चोटिल हो चुका हूं, जो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण और निराशाजनक है. मैंने मिले मौकों की अहमियत समझना सीखा है.” राहुल ने कहा, “इससे मुझे आत्मविश्वास मिला है. सिर्फ अभी नहीं, सर्जरी के बाद भी सपोर्ट स्टाफ, कोच, खिलाड़ी मुझे लगातार मैसेज कर रहे थे और कह रहे थे कि तुम जल्दी ठीक हो जाओ, टीम तुम्हें याद कर रही है. जब आप चोटिल होते हैं तो इस तरह की छोटी चीजें काफी अंतर पैदा करती हैं.” राहुल अच्छी बल्लेबाजी कर रहे थे, लेकिन दुर्भाग्यवश रन आउट हो गए. उन्होंने कहा कि वह अपनी गलतियों से सीख रहे हैं.
राहुल ने कहा, “मैं अपनी गलतियों से सीख रहा हूं. हर समय मैं छोटी गलती कर देता हूं. बल्लेबाज की पारी ही ऐसी होती है. आप 60 गेंद अच्छे से खेलते हैं और फिर एक गेंद आपको आउट कर देती है. हम आज ही ड्रेसिंग रूम में इस बात पर चर्चा कर रहे थे.”