फरीदाबाद और पलवल से कम उम्र लड़कियों की हो रही है तस्करी!
फरीदाबाद । फरीदाबाद व पलवल जिला से पिछले तीन साल में 770 नाबालिग लड़कियां गायब हुई हैं। कम उम्र की लड़कियों को उठाकर मुंबई, कोलकाता, दिल्ली इलाकों में बेचा जा रहा है। मानव तस्करी के गिरोह की जानकारी पुलिस के पास भी है। पुलिस सिर्फ मर्जी से घर छोड़कर गई बालिग लड़कियों के मिलने की ही सूचना देती है। कम उम्र की बच्चियां कहां जाती हैं, कौन गिरोह उन्हें उठा रहा है, इसकी जानकारी नहीं देती।
शुक्रवार को पत्रकारों के समक्ष पुलिस पर यह आरोप लगाते हुए पूर्व मंत्री एवं पलवल से कांग्रेस के विधायक करण सिंह दलाल ने राज्य सरकार से इस पर श्वेत पत्र जारी करने की मांग की। दलाल ने पिछले कुछ माह में पुलिस के हवाले से विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित उन समाचारों का हवाला भी दिया जो कम उम्र की बच्चियों के गायब होने के हैं। दलाल का आरोप है कि ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान चलाने वाली सरकार को इसका जवाब देना चाहिए।
सरकार के जवाब के बाद देंगे और तथ्य
करण दलाल ने कहा कि गायब हुई कम उम्र की बच्चियों की बाबत जब सरकार से जवाब आ जाएगा तब वे कुछ ऐसे तथ्य भी जनता के समक्ष रखेंगे जिनमें पुलिस ने गायब हुई बच्चियों के साथ दुर्व्यवहार किया। ऐसे मामलों की उनके पास रिकॉर्डिंग भी है।
14 वर्षीय लड़की हुई गायब
गांव खोरी के साथ लगती खोरी कॉलोनी से 14 वर्षीय एक लड़की 28 मई को गायब हुई। परिजनों ने पुलिस में शिकायत की तो इसका कोई अता-पता नहीं मिला। इसके बाद लड़की के मां-बाप ने लड़की गायब होने की शिकायत राष्ट्रीय बाल आयोग में की। आयोग के संज्ञान के बाद पुलिस हरकत में आई तो पता चला कि लड़की को कलाम नाम के शख्स ने दिल्ली जामिया क्षेत्र निवासी शीला नाम की महिला को 60 हजार रुपये में वेश्यावृति के लिए बेच दिया।
पुलिस ने लड़की बरामद करने के बाद कलाम व शीला को गिरफ्तार किया था। मगर लड़की फिर एक जुलाई को गायब हो गई। इसकी शिकायत लड़की के मां-बाप ने सूरजकुंड थाना क्षेत्र में 11 जुलाई को दर्ज कराई हुई है।
7 साल की बच्ची हुई गायब
एसजीएम नगर में रहने वाले एक व्यक्ति ने पुलिस में 6 जुलाई को शिकायत दर्ज कराई कि उसकी सात साल की बेटी घर के बाहर खेल रही थी कि कोई युवक उसे बहला-फुसलाकर ले गया है। इस बच्ची का अभी तक अता-पता नहीं है। पुलिस का कहना है कि बच्ची किन परिस्थितियों में गायब हुई और कहां चली गई इसकी जांच चल रही है।
770 लड़कियों के गायब होने का मुद्दा
पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस विधायक करण सिंह दलाल का कहना है कि ‘मैंने जिन 770 लड़कियों के गायब होने का मुद्दा उठाया है, उनमें 95 फीसद फरीदाबाद की और 5 फीसद लड़कियां पलवल की हैं। इन कम उम्र की लड़कियों के गायब करने वाले गिरोह के पर पुलिस अधिकारियो के संरक्षण की आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता। मुख्यमंत्री जो राज्य के गृहमंत्री भी हैं, इस मुद्दे पर 15 दिन के अंदर श्वेत पत्र जारी करें, अन्यथा कांग्रेस समाज के इस मुद्दे को विधानसभा में भी उठाएगी।
मानव तस्कर गिरोह पुलिस के संज्ञान में नहीं
मामले में फरीदाबाद के पुलिस आयुक्त डॉ.हनीफ कुरैशी का कहना है कि पलवल के विधायक ने जो तथ्य रखें हैं वे आधारहीन हैं। लड़कियों के गायब होने के ज्यादातर मामले वे हैं जिनमें वे अपनी मर्जी से घर छोड़कर जाती हैं। बरामद होने पर जो नाबालिग होती हैं, उनके मामलों में उनके मां-बाप के अनुसार कार्रवाई की जाती है। मानव तस्करी करने वाला कोई गिरोह पुलिस के संज्ञान में नहीं है।