आय के बिना लोग अपने और अपने परिवार का पालन पोषण कैसे करेंगे : चिदंबरम

नई दिल्ली। कल इस माह का आखिरी कार्य दिवस है। भारत के 12 करोड़ से ज्यादा लोग सांस रोककर इंतजार कर रहे हैं और वो केवल इतना जानना चाहते हैं कि क्या उन्हें अप्रैल माह के लिए उनका वेतन/भत्ता मिलेगा। स्पष्ट रूप से भारत के मेहनतकश नागरिकों व उनके परिवार तनाव व बढ़ती अनिश्चितता की स्थिति में है। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्रालय की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार 6.3 करोड़ एमएसएमई में 11 करोड़ लोग काम करते हैं। उनमें से ज्यादातर अप्रैल माह में एक दिन भी काम नहीं कर पाए, क्योंकि कोरोना महामारी को रोकने के लिए पूरे देश में लॉकडाऊन लागू है। आय के बिना ये लोग अपने और अपने परिवार का पालन पोषण कैसे करेंगे?इन 11 करोड़ लोगों की रोजी रोटी खतरे में है क्योंकि ज्यादातर नियोक्ता (एम्प्लॉयर्स) उनके वेतन/भत्ते देने की स्थिति में नहीं हैं।इस माह व्यवसायों (businesses) की कोई सेल नहीं हुई और उनके विक्रेताओं के पैसे भी अटक गए हैं, जिससे विक्रेता भी निराश हैं। अधिकांश प्राईवेट सेक्टर को मौद्रिक लिक्विडिटी के मामले में बहुत बड़ा झटका लगा है। इसके अलावा, ये व्यवसाय अपने भविष्य को लेकर भी अनिश्चित हैं। उन्हें नहीं मालूम कि वो अपना व्यवसाय कैसे चला पाएंगे  या फिर क्या उन्हें अपना व्यवसाय हमेशा के लिए बंद करना पड़ेगा। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों को बचाने के लिए साहसी निर्णय लेने का समय आ गया है। यदि व्यवसायों को उम्मीद नहीं दिखेगी, तो उन्हें बंद होने पर मजबूर होना पड़ेगा।

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