घरेलू उपकरणों की कीमतें भी 15 जुलाई से बढेगी

नई दिल्ली। पेट्रोल-डीजल और खाने-पीने के सामान महंगे होने के बाद फ्रिज, एसी, वॉशिंग मशीन जैसे घरेलू उपकरणों की कीमतें भी 15 जुलाई से बढ़ने वाली हैं। दरअसल, कमोडिटी (तांबा, कॉपर, एल्युमिनियम, स्टील) की कीमतों में तेजी और उत्पादन लागत बढ़ने से निर्माता कंपनियां जुलाई के मध्य से इनकी कीमतें 10-15 फीसदी बढ़ा सकती हैं। इससे पहले फरवरी में भी कंपनियों ने दाम बढ़ाए थे।कंपनियों का कहना है कि देश में गर्मी शुरू होते ही फ्रिज, एसी, वॉशिंग मशीन आदि की मांग बढ़ जाती है। लेकिन, अधिकतर राज्यों में लॉकडाउन के कारण इन घरेलू सहित गैर-जरूरी वस्तुओं की बिक्री अभी बंद है। लॉकडाउन में ढील मिलते ही इनकी बिक्री में तेजी आएगी, लेकिन आपूर्ति बाधित होने से मांग पूरी में दिक्कत आएगी और इसका असर कीमतों पर दिखेगा।मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज की इंडिया स्ट्रेटजी रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल वैश्विक स्तर पर कमोडिटी की कीमतें बढ़ी हैं और कोर कमोडिटी सीआरबी इंडेक्स में अप्रैल 2021 में सालाना आधार पर 70 फीसदी चढ़ा है। इसका असर उपभोक्ता टिकाऊ जैसे उद्योग पर पड़ेगा।

ज्यादा आयात शुल्क ने बढ़ाईं मुश्किलें
बजाज इलेक्ट्रिकल्स के मुख्य वित्तीय अधिकारी अनंत पुरांदरे ने कहा कि पूरी तरह तैयार वस्तुओं पर 20 फीसदी आयात शुल्क की वजह से दूसरे देशों से तैयार उत्पाद खरीदना महंगा पड़ रहा है। ऐसे में बाजार में उत्पादों की कमी को पूरा करने के लिए दाम बढ़ाना ही एकमात्र विकल्प है।लॉकडाउन हटने के बाद मांग को देखते हुए लागत वृद्धि का भार ग्राहकों पर डाला जाएगा। उधर, केयर रेटिंग्स ने एक रिपोर्ट में कहा है कि ग्रामीण आय में तेजी और सरकारी प्रयासों से गांवों में बिजली की पहुंच घरेलू उपकरणों की मांग बढ़ा सकती है।

ग्राहकों पर डालना ही होगा भार
सीकेएस स्मार्ट इक्विटी के उपभोक्ता वस्तुओं के विश्लेषक वरुण खोसला का कहना है कि उपभोक्ता वस्तुओं की मांग बहुत कम है, जबकि कमोडिटी की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। कंपनियां कीमतें बढ़ाने के लिए एक महीने तक इंतजार कर सकती हैं, लेकिन आखिर में बढ़ी लागत का भार ग्राहकों पर डालना ही होगा।उन्होंने कहा कि एसी, फ्रिज, वाशिंग मशीन जैसे उत्पादों को बनाने में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों की कीमतों के साथ आयात शुल्क भी बढ़ा है। इस दोहरे प्रभाव के कारण घरेलू उपकरणों में वाशिंग मशीन, फ्रिज, वाटर हीटर और एसी ज्यादा महंगे होंगे।

सेंसेक्स ढाई महीने बाद 51,000 के पार
एशियाई बाजारों के सकारात्मक रुख के बीच बुधवार को सेंसेक्स करीब ढाई महीने बाद 51,000 के पार पहुंचकर बंद हुआ। निफ्टी भी लगातार चौथे दिन बढ़त के साथ 15,300 के मनोवैज्ञानिक स्तर को पार कर गया।वित्तीय, वाहन, रियल एस्टेट और आईटी कंपनियों के शेयरों में तेजी से सेंसेक्स 379.99 अंक उछलकर 51,017.52 पर बंद हुआ। इससे पहले 10 मार्च 2021 को सेंसेक्स 51,279.51 पर बंद हुआ था। निफ्टी भी 93 अंकों की उछाल के साथ 15,301.45 पर बंद हुआ।सेंसेक्स की 30 में से 23 कंपनियों के शेयर हरे निशान में बंद हुए, जबकि सात कंपनियों के शेयर नुकसान में रहे। बजाज फिनसर्व सर्वाधिक 4.82 फीसदी लाभ में रहा। बजाज फाइनेंस, इन्फोसिस, महिंद्रा एंड महिंद्रा, मारुति और एचडीएफसी आदि भी लाभ में रहे।हालांकि, पॉवरग्रिड, एनटीपीसी, ओएनजीसी, एयरटेल, डॉ. रेड्डीज और कोटक बैंक नुकसान में रहे। रिलायंस सिक्योरिटीज के प्रमुख (रणनीति) विनोद मोदी ने कहा कि 2021-22 की दूसरी तिमाही से अर्थव्यवस्था में सुधार की संभावना से निवेशकों की धारणा मजबूत हुई है।वहीं, जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के प्रमुख (शोध) विनोद नायर ने कहा, घरेलू बाजारों की शुरुआत सतर्क रुख के साथ हुई। एक और राहत पैकेज की उम्मीद से बाजार ने रफ्तार पकड़ी। नए पैकेज से अर्थव्यवस्था के सबसे अधिक प्रभावित पर्यटन, विमानन, हॉस्पिटेलिटी और एमएसएमई क्षेत्र को राहत मिलने की उम्मीद है।

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