14 सूत्रीय मांगों पर कोई भी सकारात्मक कार्रवाई ना होने के कारण ऊर्जा कार्मिकों में आक्रोश होने की वजह से मजबूरन इस कोरोना काल मे मोर्चे को हड़ताल जैसे कठिन निर्णय हेतु मजबूर होना पड़ रहा

देहरादून। उत्तराखंड विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा  द्वारा  नोटिस दिनांक 20 मार्च 2021 के माध्यम से ऊर्जा के  तीनों निगमों में कार्योजित कर्मीकों (नियमित कर्मचारी/ अधिकारी/संविदा/पेंशनरों) की 14 सूत्रीय मांगों पर कोई भी सकारात्मक कार्रवाई ना होने के कारण ऊर्जा कार्मिकों में आक्रोश होने की वजह से मजबूरन इस कोरोना काल मे मोर्चे को हड़ताल जैसे कठिन निर्णय हेतु मजबूर होना पड़ रहा है इसी परिपेक्ष में आज दिनांक 26 मई 2021 को ऊर्जा के तीनों निगम प्रबंधनों (उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड, युजेवीएनएल तथा उत्तराखंड पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन ऑफ उत्तराखंड लिमिटेड के द्वारा आननफानन में मोर्चे के साथ गूगल मीट पर वर्चुअल बैठक आहूत की गई  बैठक में मोर्चे के घटक हाइड्रो इलेक्ट्रिक एंप्लाइज यूनियन,उत्तरांचल बिजली कर्मचारी संघ उत्तराखंड ऊर्जा कामगार संगठन, प्राविधिक कर्मचारी संघ, उत्तरांचल पावर इंजीनियर एसोसिएशन,उत्तराखंड पावर जूनियर इंजीनियर एसोसिएशन विद्युत वर्ग आरक्षित एसोसिएशन, उत्तराखंड विद्युत संविदा कर्मचारी संगठन,विद्युत डिप्लोमा इंजीनियर एसोसिएशन,पावर लेखा एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं महामंत्रियों ने प्रतिभाग किया तथा प्रबंधन की ओर से तीनो निगमों के प्रबंध निदेशक व निदेशकगणो ने प्रतिभाग किया गया। आज की इस वर्चुअल बैठक में मोर्चे द्वारा दिनांक 20 मार्च 2021 को 14 सूत्रीय मांगो के संबंध में दिए गए चरणबद्ध जन जागरण कार्यक्रम एवं दिनांक 28 मई 2021 की मध्य रात्रि से हड़ताल पर जाने के विषय पर चर्चा हुई मोर्चा के सभी घटक संगठनों एसोसिएशन के पदाधिकारियों द्वारा प्रबंधन का ध्यान 20 मार्च 2021 को प्रेषित नोटिस के 14 सूत्रीय मांगों की ओर आकर्षित किया गया, परंतु खेद के साथ कहना पड़ रहा है कि ऊर्जा के तीनों निगम प्रबंधन द्वारा निगमों में कार्यरत नियमित कर्मचारी/अधिकारी/संविदा/पेंशनरों की वर्षों से लंबित  किसी भी मांग पर  की गई ठोस कार्रवाई से अवगत नहीं करा पाया तथा उन्हीं सब पुरानी बातें को दोहराया गया जो कि प्रबंधन द्वारा 2017 से मोर्चे को अवगत कराता आ रहा है इसके साथ ही प्रबंधन द्वारा कोई भी कार्यवाही करने में अक्षमता जाहिर की गई तथा लगभग सभी मांगों पर कार्यवाही शासन स्तर से ही होना बताया गया जिससे की मोर्चे के सभी घटक संगठनों /एसोसिएशनों में आक्रोश उत्पन्न हुआ।हालांकि प्रबंधन द्वारा कोविड-19 महामारी के संबंध में मोर्चे तथा मोर्चे के समस्त घटक संगठनों/एसोसिएशन की मांग पर कार्यवाही का आश्वासन दिया जिसमें खंड,मंडल, जोन परियोजना, मुख्यालय स्तर पर समस्त कर्मचारियों/अधिकारियों/फ्रंटलाइन वर्करों/कार्मिकों के परिवारजनों को प्राथिमकता के आधार पर वैक्सीनेशन कराये जाने का आश्वासन दिया गया है। प्रबंधन के साथ समाप्त हुई वर्चुवल बैठक के पश्चात शाम 4:15 बजे मोर्चे के समस्त घटक संगठनों/एसोसिएशनों की आपात बैठक बुलाई गई जिसमें प्रबंधन द्वारा मांगों के संबंध में कई कार्यवाहियों पर गंभीरता से चर्चा की गई तथा नोटिस के अनुसार दिनाँक 28/05/2021 की मध्यरात्रि से की जाने वाली हड़ताल को स्थगित करने अथवा यथावत रखने पर पुनर्विचार करने पर चर्चा हुई। बैठक में सभी ने अपने विचार रखा तथा प्रबंधन की कार्यवाही को नाकाफी बताया और सभी ने कहा कि प्रबंधन कार्मिक मांगों के प्रति कतई भी गंभीर नहीं है  जिसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि प्रबंधन ने हड़ताल जैसे महत्वपूर्ण विषय पर वार्ता आयोजित करते हुए ऐसे लोगों को भी वार्ता में शामिल किया जिनका प्रस्तावित आंदोलन से किसी भी प्रकार का कोई संबंध नहीं है ।सभी वक्ताओं ने कहा कि आज की बैठक से ऐसा भी प्रतीत होता है कि प्रबन्धन जानबूझकर कार्मिकों को आंदोलन में झोंकना चाहता है तथा सरकार की छवि को धूमिल करना चाहता है। अतः मोर्चे ने आज के बैठक को विफल करार दिया और सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि कार्मिकों की समस्याओं के संबंध में सक्षम अधिकारी  अथवा  सरकार के प्रतिनिधि की ओर से सकारात्मक निर्णय ना आने तक दिनांक 28 मई 2021 की मध्य रात्रि से हड़ताल पर जाने का निर्णय यथावत रहेगा।बैठक में सर्वश्री  राकेश शर्मा, विजय बिष्ट, केहर सिंह पंकज सैनी ,भानु जोशी ,विक्की   दास, सौरभ पांडे, अनिल मिश्रा ,संदीप शर्मा आनंद सिंह रावत विनोद कवि ,प्रदीप कंसल, वीके ध्यानी विवेक कुमार, विशाल गुप्ता ,मोहम्मद अमजद यशपाल महर, मनोज पंत, प्रेम भट्ट, मोहम्मद रियाज, वाईएस तोमर, प्रदीप प्रकाश शर्मा, सावन रावत, चंद्रशेखर पुरोहित ने प्रतिभाग किया।

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