न हिंदू न मुसलमान, सबके दिलों में हैं राम, जानें- क्या है मुजीबुर व सादिक की भूमिका
नई दिल्ली । मर्यादा पुरुषोत्तम राम धर्म से परे हैं। वह सबके दिलों में हैं। वह भाई, पुत्र, पति व दोस्त समेत अन्य संबंधो तथा राजा की भूमिका में आदर्श हैं। इसलिए राम राज्य की परिकल्पना आज भी है। उनका जीवन ही आदर्श और प्रेरणादायी है। इसलिए वह सबके पूज्यनीय है।
नवरात्र के साथ दिल्ली में रामलीला मंचन शुरू हो चुका है तो राम की चर्चा भी चहुंओर है। दिल्ली की रामलीला देश की गंगा-जमुनी तहजीब को और भी प्रगाढ़ कर रही है। इसमें भगवान राम के भाई लक्ष्मण के साथ अन्य भूमिकाओं में दूसरे धर्म के कलाकार भी हैं।
राम बनना चाहते है रहमान
लालकिला में नवश्री धार्मिक लीला कमेटी द्वारा आयोजित रामलीला में कुंभकरण की भूमिका मुजीबुर रहमान निभा रहे हैं। थियेटर के अभिनेता मुजीबुर रहमान को हिंदू धर्म को जानने की ललक रामलीला मंच तक खींच लाई। इसलिए पिछले वर्ष से वह रामलीला मंचन से जुड़े हैं।
लक्ष्मी नगर के रहने वाले मुजीबुर ने श्रीराम सेंटर से अभिनय सीखा है। साथ ही राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से भी जुड़े हुए हैं। वह बताते हैं कि रामलीला में काम करने के दौरान वह इस देश की सनातन परंपरा, सभ्यता व संस्कृति से परिचित हो रहे हैं। साथ ही यह भी कि राम किन कारणों से सभी के दिलों में बसे हैं। राम उनके जीवन को भी प्रेरणा दे रहे हैं। इसलिए उनका सपना है कि एक दिन वह रामलीला मंच पर राम की भूमिका निभाएं।
राम की भूमिका के लिए उन्होंने अपने निर्देशक से अनुरोध भी किया है। वह बताते हैं कि यहां उन्हें महसूस ही नहीं होता कि वह दूसरे धर्म से हैं। सबके साथ खाना-पीना, हंसना, बोलना है। उन्होंने बताया कि दूसरे धर्म से होने के कारण उनका विशेष ख्याल रखा जाता है।
16 सालों से लक्ष्मण की भूमिका निभा रहे हैं सादिक
सादिक हुसैन के जीवन में रामलीला रची बसी है। कश्मीरी गेट के श्री नवयुवक रामलीला कमेटी में वह पिछले 16 वर्षों से लक्ष्मण की भूमिका निभा रहे हैं। 30 साल के सादिक को रामलीला में अभिनय करते हुए 25 साल से ऊपर हो चुके हैं। वह बताते है कि जब पांच-छह साल के ही थे, तभी से वह रामलीला में विभिन्न पात्रों को निभाते आ रहे हैं। उम्र के साथ रामलीला में उनकी भूमिकाएं बदलती गईं।
कभी हनुमान की वानर सेना में रहे, तो कभी रावण की सेना में शामिल हो गए। इसी तरह मकरध्वज, भरत, शत्रुघ्न व मेघनाद की भूमिका निभाने के बाद अब पिछले 16 सालों से लक्ष्मण की भूमिका निभा रहे हैं। उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम राम का पात्र सबसे अधिक आकर्षित करता है। वह कहते हैं कि एक न एक दिन राम की भूमिका वह निभाना चाहेंगे। कश्मीरी गेट इलाके में रहने वाले सादिक एक निजी कंपनी में एकाउंटेट हैं।
जत्थेदार अवतार के रोम-रोम में राम
जत्थेदार अवतार सिंह के रोम-रोम में राम बसे हैं। पिछले 45 वर्षों से कश्मीरी गेट की रामलीला में अभिनय करने वाले अवतार कहते हैं कि यह जीवन भगवान राम का दिया हुआ है, इसलिए उनकी सेवा में समर्पित है। जब वह कक्षा तीन में थे, तभी राम से जुड़ गए थे और बाल रामलीला का आयोजन करना शुरू कर दिया। इस वर्ष वह केवट की भूमिका निभा रहे हैं। रामलीला में रावण समेत अन्य भूमिका निभाने वाले अवतार सिंह कहते हैं कि उन्हें राम की भूमिका निभाने की हिम्मत ही नहीं हुई क्योंकि राम की भूमिका निभाने का मतलब कुछ ऐसी खास बातें जीवन के भीतर होनी जरूरी हैं।