चारधाम सहित उत्तराखंड की ऊंची पहाड़ियों पर जमकर हुई बर्फबारी

देहरादून। उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री और यमुनोत्री धाम सहित हर्षिल घाटी में बुधवार की रात को सीजन का अबतक का सबसे बड़ा हिमपात हुआ है। गुरुवार सुबह तक हर्षिल घाटी में करीब डेढ़ से दो फीट तक बर्फ की चादर जम चुकी है। वहीं बर्फबारी के कारण गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग डबराणी से गंगोत्री तक यातायात के लिए बंद होने के साथ ही गांव के पैदल रास्ते भी बर्फ से ढक गए हैं। लोगों का जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है।  जिले में सुबह से आसमान में काले बादल छाये रहे। लेकिन रात को मौसम ने करवट बदली और बारिश शुरू हुई। जिसके बाद गंगोत्री, यमुनोत्री धाम क्षेत्र सहित हर्षिल, मुखबा, धराली, सुक्की सहित दयारा बुग्याल, डोडीताल, नचिकेता ताल, सहिम यमुनोत्री,जानकीचट्टी, खरसाली,सहित मोरी ब्लॉक के सांकरी, जखोल, ओसला, गंगाड़, ढाटमीटर, लिवाड़ी फिताड़ी सहित चांगशील बुग्याल सहित अन्य ऊंचाई वाले क्षेत्र के गांव पूरह तरह बर्फ से ढक गए हैं। गंगोत्री मंदिर समित के सह सचिव व रावल राजेश सेमवाल ने बताया कि हर्षिल घाटी में सीजन की यह तीसरी बर्फबारी है। बुधवार रात से क्षेत्र में निरंतर बर्फबारी हो रही है। बताया कि मां गंगा के शीतकालीन प्रवास मुखवा गांव में डेढ़ फीट से अधिक बर्फ जम चुकी है। इसके साथ ही आसपास के गांव में पैदल रास्ते भी बंद हो चुके हैं। बर्फबारी से पूरी घाटी शीतलहर की आगोश में आ चुकी है। जिससे लोगों का जनजीवन पूरी तरह प्रभावित हो गया है। भारी बर्फबारी के कारण लोग अपने घरों से बाहर नही निकल पा रहे हैं।

तापमान में आयी भारी गिरावट
उत्तरकाशी।
जिला मुख्यालय सहित भटवाड़ी डुंडा, पुरोला,  नौगांव, बडकोट, चिन्यालीसौड़, मोरी और आराकोट में बारिश हो रही है। बारिश और बर्फबारी के कारण पूरे जनपद में तापमान में भारी गिरावट आ गई है।  जिला मुख्यालय का उत्तरकाशी का अधिकतम तापमान 10 डिग्री और न्यूनतम तापमान 4 डिग्री दर्ज किया गया है।

केदारनाथ धाम में चार फीट बर्फ जमी, कड़ाके की ठंड का एहसास 
रुद्रप्रयाग। केदारनाथ धाम में बीते चार दिनों से बर्फबारी हो रही है जिससे यहां काफी ठंड हो गई है। कड़ाके की सर्दी के बीच केदारनाथ में 6 पुलिस और जबकि कुछ वुड स्टोन कर्मचारी हैं। इसके अलावा गरुड़चट्टी में भी साधु ललित महाराज और उनके कुछ शिष्य हैं। गुरुवार को सुबह 6 बजे से केदारनाथ में तेज बर्फबारी शुरू हो गई थी। पूर्वान्ह 11 बजे से मौसम में कुछ सुधार हुआ।

किंतु दोपहर में फिर से रुक-रुककर बर्फबारी होती रही। केदारधाम में बीते चार दिनों में हुई बर्फबारी के चलते करीब 4 फीट बर्फ जम चुकी है। एसपी नवनीत सिंह भुल्लर ने बताया कि सुरक्षा कारणों को देखते हुए केदारधाम में 6 जवान मौजूद हैं। किंतु यदि, मौसम ज्यादा खराब हुआ तो उन्हें वापस बुला दिया जाएगा। इधर सोनप्रयाग, फाटा व गुप्तकाशी क्षेत्र में रूक-रूककर कई बार हल्की बारिश हुई।

जबकि जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग समेत निचले इलाकों में सुबह से ही घने बादल छाए रहे। सायं को कुछ स्थानों पर हल्की बूंदाबांदी हुई। दोपहर बाद हल्की धूप भी खिली। ऊखीमठ, मयाली, जखोली, चिरबटिया, बसुकेदार आदि स्थानों पर शीतलहर बढ़ने से ठंड बढ़ गई है। वहीं नगर क्षेत्रों में अभी अलाव की व्यवस्थाएं नहीं हो पाई है। लोग ठंड से बचने के लिए अपने घरों में दुबके रहे।

बदरीनाथ से लेकर रुद्रनाथ तक बर्फ ही बर्फ
गोपेश्वर।
चमोली जिले के ऊंचाई वाले इलाकों में तीसरे दिन भी हिमपात हुआ। बदरीनाथ, रुद्रनाथ की पहाड़ियों पर फिर से बर्फबारी हुई हुयी। बर्फबारी पूरे जिले में मौसम सर्द रहा। विश्व प्रसिद्ध हिमक्रीड़ा स्थली औली में टावर नम्बर 8 तक बर्फ जमी है। पर्यटक यहां फिर हिमपात का लुत्फ़ लेने पहुंचे हैं। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज 29 नवम्बर को औली में ओपन एअर आइस स्केट्रिंग रिंक योजना का लोकार्पण करेंगे।

यह जानकारी अपर जिला अधिकारी अनिल चन्याल ने दी है। औली में ओपन एअर आइस स्केटिंग रिंक के शुरू होने के बाद औली साहसिक खेलों के आयोजन में एक और मुकाम पा लेगा। जिसको लेकर साहसिक खेलों के इच्छुक खिलाड़ियों में खासा उत्साह बना है।

टिहरी जिले में चोटियों पर बर्फबारी
नई टिहरी।
बीती देर रात से शुरू हुई हल्की बारिश के बाद पूरा जनपद ठंड की आगोश में आ गया। इस दौरान धनोल्टी क्षेत्र के आसपास के ऊंचे क्षेत्रों में मौसम की पहली बर्फबारी हुई। सुरकंडा क्षेत्र में भी बर्फबारी हुई है। बारिश के बाद लोगों को लगातार पड़ रही सूखी ठंड से निजात मिली है। ठंड के कारण लोग गर्म कपड़ों में नजर आये।

बीती देर रात से टिहरी जिला मुख्यालय सहित विभिन्न क्षेत्रों में हल्की बारिश शुरू हुई। बारिश के बाद पूरा जनपद ठंड की आगोश में आ गया। बारिश व बर्फबारी के बीच धनोल्टी व सुरकंडा क्षेत्र बर्फबारी से गुलजार हुआ है। जिसके चलते धनोल्टी क्षेत्र में पर्यटकों की आवाजाही भी बढ़ती हुई दिखी। दोहपर बाद नई टिहरी मुख्यालय पर गुनगुनी धुप खिली। जिसने ठंड से लोगों को राहत दी। कभी बादल और कभी धुप के बीच नई टिहरी में ठंड के बीच लोगों कई तरह के रंग मौसम के देखने का मिले।

मसूरी की आसपास की पहाड़ियों में हिमपात से ठंड बढ़ी
मसूरी। पहाड़ों की रानी मसूरी में लगातार बढ़ रही कड़ाके की सर्दी से जन जीवन प्रभावित हो गया है। देर रात से लगातार बारिश के कारण तापमान में भारी गिरावट आ गई है। वहीं दूसरी ओर मसूरी के आसपास की पहाड़ियों पर हिमपात होने से ठंड और बढ़ गई है। मसूरी में रात्रि से रूक रूक कर लगातार बारिश हो रही है जबकि आस पास की पहाड़ियों सुरकंडा, लुणासू, बंगसील, देवलसारी क्षेत्र सहित नाग टिब्बा में हिमपात हुआ है।
मसूरी मे भी तापमान में भारी गिरावट आ गयी है। अगर मौसम इसी तरह ठंडा रहा तो यहां भी हिमपात के आसार बढ़ गये हैं।  मसूरी  में सर्दी  होने से जहां जन जीवन प्रभावित हुआ है। वहीं ठंड बढ़ने के साथ बाजारों में सूना पन छाया रहा। इन दिनों मसूरी घूमने आये पर्यटक हिमपात देखने के लिए लालायित हैं लेकिन अभी यहां पर हिमपात न होने के कारण उन्होंने धनोल्टी का रूख किया है हालांकि धनोल्टी में भी हिमपात नही हुआ।

लेकिन उंची पहाड़ियों सहित सुरकंडा मंदिर में हिमपात हो गया है व पर्यटक बर्फ देखने मंदिर पहुचं रहे हैं। लगातार ठंड बढने से जहां लोग गर्म कपड़े पहन घरों से निकल रहे हैं।  वहीं अधिकतर लोग घरों में ही हीटर व आग के सहारे दिन व्यतीत कर रहे हैं बाजारों में भी दुकानदार हीटर व आग सेंक कर दिन व्यतीत कर रहे हैं व शाम को जल्दी बाजार बंद हो जाता है। रात भर हुई बारिश के बाद दिन में भी रूक रूक कर बारिश हो रही है।

कुमाऊं में ऊंची चोटियों पर बर्फबारी से ठिठुरन बढ़ी 
हल्द्वानी। कुमाऊं के सीमांत जनपद पिथौरागढ़ और बागेश्वर जिले की ऊंची चोटियों पर लगातार चौथे दिन भी रुक-रुककर बर्फबारी होती रही। मौसम के इस मिजाज से कुमाऊं में नवम्बर के आखिरी सप्ताह में ही ठंड का प्रकोप बढ़ गया है। मुनस्यारी में तापमान शून्य डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। बागेश्वर की पिंडर घाटी में हिमपात जारी है। नैनीताल में शाम को हल्की बूंदाबांदी से ठंडी हवाएं चल रही हैं।

पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी की ऊंची चोटियों के साथ ही धारचूला के दुग्तू में बर्फ की सफेद चादर बिछ गई है। भारत चीन सीमा पर 4 से अधिक अग्रिम सुरक्षा चौकियों में भी बर्फबारी हुई है। गुरुवार को तड़के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में हिमपात हुआ। राजरंभा, पंचाचूली, मिलम, खलिया टॉप, नागनीधूरा के साथ ही उससे सटे क्षेत्रों में भी बर्फबारी हुई है।

पिथौरागढ़ में न्यूनतम तापमान 5.6 डिग्री और मुनस्यारी में शून्य डिग्री तक पहुंच गया। बागेश्वर जिले के हिमालय क्षेत्र में रुक-रुक कर बर्फबारी और निचले इलाकों में बूंदाबांदी भी हुई। बर्फीली हवाओं ने ठिठुरन बढ़ा दी है। मौसम विभाग के अनुसार, जिले में 2500 मीटर की ऊंचाई से अधिक ऊंचे क्षेत्रों में अभी और बर्फबारी के आसार हैं। अल्मोड़ा जिले में ठंड लगातार बढ़ रही है।

गुरुवार को जागेश्वर और बिनसर में सबसे ठंडा दिन रहा। नैनीताल नगर में गुरुवार को सुबह से बादल छाए रहे। यहां न्यूनतम तापमान 5 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किया गया। बूंदाबांदी के बीच बर्फीली हवाएं चलीं। यहां पर्यटक ठंड का लुत्फ ले रहे हैं।

चकराता की पहाड़ियों पर हुई बर्फबारी के बाद पूरा क्षेत्र शीतलहर की चपेट में 
चकराता। चकराता की ऊंची चोटियों पर गुरुवार सुबह इस सीजन की दूसरी बर्फबारी हुई। लोखंडी सहित ऊंची चोटियां सफेद बर्फ की चादर से ढक गई हैं। बर्फबारी के बाद पूरा क्षेत्र शीतलहर की चपेट में हैं। ऊंचाई पर बसे गांवों में ग्रामीणों की परेशानियां बढ़ गई हैं।  मंगलवार रात से ही क्षेत्र में मौसम बदल गया था। बुधवार को देर रात तक क्षेत्र में बारिश होती रही।

गुरुवार तड़के करीब तीन बजे ऊंची चोटियों पर बर्फबारी का दौर शुरू हुआ। जिसके चलते सुबह तब लोखंडी, देवबन, खडम्बा, मोयला टॉप, कनासर, मुंडाली आदि ऊंची चोटियों पर दो से छह इंच तक बर्फबारी हुई। बर्फबारी के चलते पूरा क्षेत्र भीषण शीतलहर की चपेट में आ गया है।

गुरुवार को चकराता का अधिकतम तापमान 10 डिग्री और न्यूनतम एक डिग्री दर्ज किया गया। ठंड से बचने के लिए लोगों को हीटर, अंगीठी और अलाव का सहारा लेना पड़ा। शाम होने से पहले ही लोग अपने घरों में दुबक गए।

पर्यटकों ने उठाया बर्फबारी का लुत्फ
गुरुवार को बर्फबारी की सूचना के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों से पर्यटकों ने चकराता का रुख किया। हालांकि, चकराता में बर्फ न मिलने पर उन्हें लोखंडी तक दौड़ लगानी पड़ी। लोखंडी सहित क्षेत्र की ऊंची चोटियों पर दोपहर बाद तक कई पर्यटकों ने अपने परिवार संग बर्फबारी का लुत्फ उठाया। पर्यटकों के साथ जगह-जगह स्थानीय ग्रामीण और बच्चे भी बर्फबारी से खेलते दिखाई दिए। हालांकि, दोपहर बाद ठंड बढ़ने से पर्यटकों को होटलों की शरण लेनी पड़ी।

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