ब्‍लू व्‍हेलः दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा- यह कैसा खेल, 22 अगस्त को होगी सुनवाई

नई दिल्ली  । बच्चों को आत्महत्या के लिए उकसाने वाले ब्लूव्हेल गेम का ऑनलाइन लिंक गूगल, फेसबुक व अन्य वेबसाइटों से हटाने को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका लगाई गई है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी. हरिशंकर की खंडपीठ ने इस याचिका पर बृहस्पतिवार को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है। इस मामले पर अगली सुनवाई इसी महीने की 22 अगस्त को होगी।

यह याचिका वकील गुरमीत सिंह द्वारा लगाई गई है। इसमें कहा गया है कि भारत सहित दुनिया भर के कई हिस्सों में लोगों को ब्लूव्हेल गेम की वजह से अपनी जान गंवानी पड़ी है।

इस गेम के अंत में खेलने वाले शख्स को आत्महत्या करने के लिए कहा जाता है। दिल्ली पुलिस की पांच सदस्यीय टीम बनाई जाए जो इस बात को सुनिश्चित करे कि सभी जगह से इस गेम का लिंक हटा दिया गया है।

बता दें कि दिल्ली हाइकोर्ट ने ब्लू व्हेल गेम को रोकने के लिए लगाई गई जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए कहा था कि बच्चे इस गेम से आकर्षित हो रहे हैं ये समझ में आ रहा है लेकिन, बड़े कैसे हो रहे हैं? जनहित याचिका में कहा गया है कि पिछले 3 दिन में इस गेम से 2 और मौतें हुई हैं।

यह कहा कि केंद्रीय मंत्री ने

इस मुद्दे पर सूचना प्रौद्योगिकी तथा कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि ब्लू व्हेल चैलेंज पर रोक लगाने के सरकार के निर्देशों का उल्लंघन करने वाले प्रौद्योगिकी प्लेटफार्म के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

साथ ही उन्होंने कहा कि इस गेम को लेकर सरकार को कई तरह की शिकायतें मिली थीं, जिसके बाद इस पर रोक लगाने का निर्णय लिया गया है।

इस मामले पर उन्होंने कहा कि इस गेम का संचालन करने वाली कंपनियों और प्लेटफार्म को इसे बंद करने के सख्त निर्देश दिए गए हैं।

जानें क्या है ब्लू व्हेल गेम

ब्लू व्हेल चैलेंज एक ऐसा गेम है जिसमें यूजर्स को सोशल मीडिया के जरिए 50 दिन में इसके चैलेंज को पूरा करने के टास्क बताएं जाते हैं।

अंतिम टास्क में यूजर्स को सुसाइड से ही चैलेंज पूरा होने की बात कही जाती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रूस में ऐसे 10 गेम की वजह से 100 से ज्यादा बच्चों ने सुसाइड कर ली है।

वैसे इस गेम के टास्क के दौरान कई ऐसे मौके आते हैं जो कि इंसान को सुसाइड के लिए उकसाते हैं। इस गेम में हाथ की नसों को काटने जैसे टास्क भी दिए जाते हैं।

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