हेल्दी लाइफस्टाइल से बुढ़ापे में भी दिमाग बनेगा स्मार्ट
न्यूयॉर्क: अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (एएचए) के एक नए परामर्श के मुताबिक, यदि आप अपने आने वाले वर्षो में भी स्मार्ट रहना चाहते हैं? तो आपको बचपन से ही एक स्वस्थ जीवनशैली बनानी होगी, क्योंकि यह उम्र में एक संज्ञानात्मक गिरावट के विकास के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है. रक्तचाप, कोलेस्ट्रोल और रक्त शर्करा के स्तर में वृद्धि बड़े और छोटे रक्त कणों को नुकसान पहुंचा सकती है, उन्हें संकुचित बनाते हुए जाम कर सकती है. इसे एथरोस्क्लेरोसिस नाम से भी जाना जाता है, जो कि एक बीमारी की प्रक्रिया है, जो कई दिल के दौरों और स्ट्रोक का प्रमुख कारण है. अध्ययन में पता चला है कि यदि मौजूदा चलन कायम रहता है तो दुनिया भर में 7.50 लोग पागलपन के शिकार हो सकते हैं.
मिशिगन स्टेट युनिवर्सिटी के प्रोफेसर फिलिप गोरलिक ने कहा कि अध्ययन, “आश्वस्त रूप से यह दर्शाता है कि एक ही जोखिम वाले कारक एथरोस्क्लेरोसिस का कारण बनते हैं और साथ ही अधिक उम्र में संज्ञानात्मक हानि और अल्जाइमर रोग में भी योगदान करते हैं.”
स्वास्थ्य कारक, जिसे ‘जीवन का सरल 7 कार्यक्रम’ कहा जाता है. ये लोगों के रक्तचाप को प्रबंधित करने, कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने, रक्त शर्करा को सामान्य रखने, शारीरिक रूप से सक्रिय रहने, स्वस्थ आहार लेने, अतिरिक्त वजन घटाने, धूम्रपान न करने या छोड़ने का आग्रह करते हैं.
मिशिगन के मर्सी हेल्थ ह्यूनस्टीन न्यूरोसाइंसेस में वैस्कुलर न्यूरोलॉजिस्ट और चिकित्सा निदेशक, गॉर्लिकिक ने कहा है, “जीवन के सरल 7 का अनुसरण करके हम न केवल दिल के दौरों और स्ट्रोक को रोक सकते हैं, बल्कि हम संज्ञानात्मक हानि को रोकने में भी सक्षम हो सकते हैं.”
यह परामर्श 182 प्रकाशित वैज्ञानिक अध्ययनों और स्ट्रोक नामक पत्रिका में प्रकाशित अध्ययनों की समीक्षा के आधार पर दी गई है, और आपके मस्तिष्क को यथासंभव स्वस्थ रखने के लिए कदम उठाने के महत्व पर बल देती है, क्योंकि एथ्रोरोस्लेरोसिस बचपन में ही शुरू हो जाता है.