हरीश ने वंशीधर को कहा रावण, जवाब मिला कालनेमि

देहरादून। हरिद्वार में हर की पैड़ी को जोड़ने वाली गंगा की धारा को पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में स्कैप चैनल घोषित करने संबंधी हुए फैसले पर तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत के खेद जताने के बाद इस मसले पर सियासी उफान जोरों पर है। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बंशीधर भगत को रावण की संज्ञा दी तो भगत ने भी रावत को कालनेमि बता दिया। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज भी पीछे नहीं रहे और कहा कि पूर्व सीएम रावत दूसरे के बयानों में रुचि लेने की बजाय अपनी अन्य गलतियों के लिए भी माफी मांगें। स्कैप चैनल मामले में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के खेद जताने के बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भगत ने उन पर निशाना साधा था। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भगत रामलीला में दशरथ का पाठ करते हैं, मगर संवाद रावण वाले बोल जाते हैं। रावत ने कहा कि वह 2022 में कांग्रेस की सरकार लाकर प्रायश्चित करेंगे। साथ ही जोड़ा कि पूर्व में कुछ कमियां रह गई थीं, जिस कारण 2017 में मेरे बाद कुछ भी काम न करने वाली सरकार आई। उन्होंने कहा कि रामपुर तिराहा कांड के दोषी के बारे में उनसे पूछने की बजाए भाजपा अध्यक्ष को मौजूदा सरकार में शामिल कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के तब के बयानों को पढ़ना चाहिए। अगर ये न मिलें तो यह याद कर लें कि इस कांड का एक आरोपी किसका निजी सचिव रहा। भाजपा अध्यक्ष बोले, कांग्रेस के कालनेमि हैं रावत भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की टिप्पणी का जवाब देते हुए उनके नाम खुला पत्र जारी किया। उन्होंने कहा कि हरदा को उनकी बात कड़वी लगी होगी, मगर सच तो कड़वा होता है। यही हरदा की बौखलाहट का परिणाम है। भगत ने कहा कि वह रामलीला में दशरथ की भूमिका निभाते हैं, मगर राजा दशरथ के वक्तव्य श्हम नहीं बोले झूठ, पलट जाए चाहे जमीं सारीश् को जीवन में अपनाए हुए हैं। उन्होंने कहा कि वह रामभक्त हैं। रावण रूपी तो कांग्रेस नेता और उनकी सरकारें रही हैं, जिन्होंने भगवान राम के काल्पनिक होने का दावा किया था। भगत ने कहा कि हरदा काग्रेस के वे कालनेमि हैं, जिसे हनुमान का रास्ता रोकने के लिए कांग्रेस रूपी रावण ने भेजा है।
अलबत्ता, कालनेमि हनुमान के हाथों मात खाता है। उसी तरह 2022 में भी हनुमान रूपी जनता कालनेमि को फिर परास्त करेगी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड आदोलन के वक्त हरदा और सपा नेता मुलायम सिंह की दोस्ती जगजाहिर रही है। प्रदेश में काग्रेस सरकार बनने पर कितने घोटाले हुए सब जानते हैं। उन्होंने कहा कि जहां तक एचएमटी व आइडीपीएल के बंद होने का सवाल है तो ये कांग्रेस सरकारों की खराब प्रबंधन की नीति के कारण ही डूबीं। उन्होंने कहा कि रावत की मां गंगा के प्रति नफरत भरी सियासत ही थी कि गंगा की धारा को नहर करार दे बैठे। ग्लेशियरों के अध्ययन में क्यों नहीं ली रुचि पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने भी पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पर निशाना साधा और कहा कि दूसरों के बयानों में रुचि लेने और नसीहत देने की बजाए रावत को पहले अपने गिरेबां में झाकना चाहिए।

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