हरक सिंह रावत की नाराजगी

देहरादून। नगर निकाय चुनाव में बेहतरीन प्रदर्शन के बावजूद भाजपा को हरिद्वार और कोटद्वार नगर निगम महापौर पद पर करारी शिकस्त का मलाल है। अब इसके लिए जिम्मेदारी निर्धारित करने को लेकर पार्टी में अंदरखाने जोरदार सियासत शुरू हो गई है। वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री और कोटद्वार के विधायक डॉ. हरक सिंह रावत ने यह कहकर इस मसले को नया मोड़ दे दिया है कि उन्हें स्थानीय विधायक व प्रभारी होने के बावजूद टिकट देने से पहले पूछा ही नहीं गया। निकाय चुनाव में भाजपा ने अब तक का सबसे दमदार प्रदर्शन किया। कुल 84 निकायों के लिए हुए चुनाव में भाजपा ने 34 निकाय प्रमुख पदों पर जीत दर्ज की। राज्य के आठ नगर निगमों में से रुड़की को छोड़कर सात पर चुनाव हुए और इनमें से पांच निगमों में महापौर पद भाजपा के हिस्से गया। केवल हरिद्वार और कोटद्वार, दो नगर निगम ऐसे रहे, जहां भाजपा को कांग्रेस के हाथों करारी शिकस्त मिली है। कोटद्वार में तो भाजपा मुख्य मुकाबले का हिस्सा ही नहीं बन पाई और तीसरे स्थान पर रही, जबकि दूसरा स्थान भाजपा से बगावत कर मैदान में उतरी निर्दलीय प्रत्याशी को मिला।

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