गुरुग्राम: ग्रामीण के मुकाबले शहरी क्षेत्र में कोरोना से ज्यादा मौतें

नई दिल्ली।मिलेनियम सिटी गुरुग्राम में कोरोना संक्रमण से अब तक 180 मरीजों की मौत हो चुकी है। इनमें से सात मौतें अक्टूबर माह के बीते छह दिनों में हुई हैं। कोरोना से सर्वाधिक मौतें ग्रामीण इलाकों के मुकाबले शहरी क्षेत्र में हुई हैं। इसका खुलासा प्रदेश स्वास्थ्य विभाग की ओर से चार अक्तूबर को जारी की गई कोरोना संक्रमण की साप्ताहिक समीक्षा रिपोर्ट में हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार चार अक्टूबर तक प्रदेश में कोरोना से संक्रमित 1470 मरीजों की मौत हो चुकी थी। इनमें से 74 फीसदी मौतें शहरी आंचल में व 26 फीसदी मौतें ग्रामीण इलाकों में हुई थी।

जिले में चार अक्टूबर तक हुई 178 संक्रमितों की मौत की समीक्षा कर रिपोर्ट मुख्यालय को सौंपी गई थी। सभी जिलों से डेथ ऑडिट कमेटी की हासिल हुई रिपोर्ट के आधार पर विभाग ने ये समीक्षा रिपोर्ट तैयार की है। गुरुग्राम में मरने वाले 178 कोरोना संक्रमित मरीजों में से 168 मृतक शहरी इलाकों में रहने वाले थे। जबकि 10 मृतक ग्रामीण क्षेत्र से थे। इसका कारण यह भी है कि जिले में सर्वाधिक संक्रमित मरीज भी शहरी आंचल से मिले हैं। नगर निगम के दायरे में आने वाले शहरी क्षेत्रों से अभी तक 18633 मरीज कोरोना से संक्रमित मिल चुके हैं। जबकि ग्रामीण आंचल से मिले कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 3571 है। इनमें से 1995 मरीज पटौदी ब्लॉक, 348 मरीज फर्रुखनगर ब्लॉक और 1228 संक्रमित मरीज सोहना ब्लॉक से मिले हैं।

सबसे ज्यादा मौतें फरीदाबाद में
रिपोर्ट के अनुसार कोरोना संक्रमित सर्वाधिक मरीजों की मौत फरीदाबाद में हुई है। चार अक्टूबर तक फरीदाबाद में मरने वाले कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 225 दर्ज की गई थी। इनमें से 203 मौतें शहरी क्षेत्र में हुई थी। जबकि ग्रामीण इलाकों में कोरोना से केवल 22 संक्रमित मरीजों की मौत हुई थी।सर्वाधिक मौतों के मामले में अंबाला तीसरे स्थान पर है। अंबाला में हुई कुल 95 मौतों में से 85 शहरी व 10 ग्रामीण क्षेत्र में हुई थी।

सबसे कम मौत चरखी दादरी में
कोरोना से सबसे कम मौत चरखी दादरी में हुई। चार अक्तूबर तक चरखी दादरी में कोरोना से मरने वाले चार मृतकों में से दो शहरी व दो ग्रामीण क्षेत्र के थे। गुरुग्राम से सटे नूंह में मरने वाले 23 मृतकों में से 16 ग्रामीण व सात शहरी क्षेत्र से थे। पंचकूला में 94 मृतकों में से 50 शहरी व 44 ग्रामीण क्षेत्र के। सोनीपत में 44 मृतकों में से 25 ग्रामीण व 19 शहरी क्षेत्र के रहने वाले थे।

मरने वालों में 55-64 वर्ष आयु के बीच के मरीज ज्यादा
मरने वाले कोरोना संक्रमित मरीजों में ज्यादा संख्या 55 से 64 वर्ष की बीच की आयु के लोगों की रही। इस आयु वर्ग के 398 संक्रमित मरीजों की चार अक्तूबर तक मौत हुई थी। मृतकों में 377 मरीज 65-74 वर्ष आयु, 217 मरीज 45-54 वर्ष आयु, 214 मरीज 75-64 वर्ष आयु, 128 मरीज 35-44 वर्ष आयु, 53 मरीज 85-94 वर्ष आयु, 49 मरीज 25-34 वर्ष आयु, 16 मरीज 15-24 वर्ष आयु, पांच मरीज 95-104 वर्ष आयु, चार मरीज पांच-14 वर्ष आयु के बीच और 9 मृतक पांच वर्ष की आयु से कम के थे।

57 फीसदी मरीज वेंटिलेटर पर थे
डेथ ऑडिट कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार 57 फीसदी मरीजों की मौत वेंटिलेटर पर जाने के बाद हुई है। चार अक्तूबर तक मर चुके 1470 संक्रमित मरीजों में से 839 मरीज गंभीर स्थिति में थे। जिन्हें वेंटिलेटर पर रखा हुआ था। मरने वालों में 21 फीसदी यानी 313 मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट पर थे। 15 फीसदी यानी 223 मरीज बाइलेवल पॉजिटिव एयरवे प्रेशर मशीन के सहारे थे। जबकि छह फीसदी मरीजों की अस्पताल पहुंचने तक पहले ही मौत हो गई थी। अस्पतालों में 86 संक्रमित मरीज मृत अवस्था में पहुंचे थे। नौ संक्रमित मरीजों की मौत कैसे हुई इसकी जांच अभी चल रही है।

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