सरकार ने बेरोजगारी के मुद्दे पर आंकड़े जारी किये

देहरादून । विधानसभा सत्र में बेरोजगारी के मुद्दे पर विपक्ष के संभावित हमले को देखते हुए सरकार ने पहले ही जवाब दे दिया है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सोमवार को प्रदेश में भर्ती प्रक्रिया की समीक्षा की। कांग्रेस के शासनकाल में 2014 से 2017 के बीच उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने 801 पदों पर चयन किया। वहीं 2017 से अब तक यानी त्रिवेंद्र सरकार के साढ़े तीन साल के कार्यकाल में 6000 पदों पर आयोग ने चयन किया। इस अवधि में 10339 पदों पर चयन हुआ है। कोरोना महामारी के दौर में प्रदेश में बेरोजगारी बढने को लेकर कांग्रेस मुखर है। इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर सांख्यिकी विभाग के आंकड़ों का हवाला दिया जा रहा है। विपक्ष के हमले की धार कुंद करने के लिए सरकार ने कसरत तेज कर दी। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सोमवार को वीर चंद्र सिंह गढ़वाल सभागार में भर्ती प्रक्रिया की समीक्षा की। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि कोरोना के कारण भर्ती प्रक्रिया में देरी नहीं होनी चाहिए। न ही किसी स्तर पर शिथिलता बरती जाए। निर्धारित समयसारिणी बनाकर भर्ती प्रक्रिया पूरी की जाए। मुख्यमंत्री ने एक जैसी प्रकृति के पदों के लिए एक ही परीक्षा आयोजित करने को कहा है। यह भी निर्देश दिए गए कि राज्य लोक सेवा आयोग से डीपीसी की तिथि निर्धारित होने पर संबंधित अधिकारियों की अनुपलब्धता के कारण इसे स्थगित नहीं किया जाए। अधियाचन पर चयन आयोगों की आपत्तियों का अधिकतम तीन दिनों में जवाब देना होगा। कोरोना के कारण अब तक भर्ती प्रक्रिया में हुई देरी की भरपाई अगले छह माह में करने को कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए गए। शासन चयन आयोगों के साथ लक्ष्य निर्धारित कर भर्ती का कार्य संपन्न कराए।

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