सरकार का हजारों करोड़ का कर्ज लेना काली कमाई का संकेत
देहरादून,। जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष एवं जनसंघर्ष मोर्चा अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि त्रिवेन्द्र सरकार के कार्यकाल में सरकार ने अब तक 9060 करोड़ रू0 का बाजारू ऋण लेकर प्रदेश को गर्त में ढकेलने का काम किया है। उक्त लिये गये ऋण से जनता समझ सकती है कि त्रिवेन्द्र सरकार अपने निजी स्वार्थों एवं अपना स्वयं का राजस्व (काली कमाई) बढ़ाने के चक्कर में प्रदेश को माफियाओं (शराब एवं खनन) के हाथों गिरवी रख दिया है।देहरादून में आयोजित एक पत्रकार वार्ता में नेगी ने हैरानी जताते हुए कहा कि त्रिवेन्द्र सरकार ने वर्ष 2017-18 में 6660 करोड़ का ऋण लिया है तथा इस वित्तीय वर्ष 2018-19 में माह अपै्रल, मई, जून व जुलाई महीनों में 2400 करोड़ का फिर बाजारू कर्ज लिया है, यानि इन 16 महीनों में सरकार 9060 करोड़ का ऋण ले चुकी है। नेगी ने कहा कि प्रदेश की माली हालत को देखते हुए आप स्वयं अंदाजा लगा सकते हैं कि उक्त लिए गए कर्ज से कोई विकास कार्य नहीं हो रहे हैं, बल्कि सिर्फ कर्मचारियों की तनख्वाह, विधायकों के वेतन भत्ते, विधायक निधि, कर्ज का ब्याज इत्यादि की ही पूर्ति हो रही है। नेगी ने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के मुखिया हरीश रावत ने वर्ष 2016-17 में 5450 करोड़ का ऋण लिया, वो भी ऐसी हालत में जब केन्द्र से कोई अतिरिक्त मद्द नहीं मिल पा रही थी तथा हरीश रावत सरकार के सारे रास्ते बन्द कर दिये गये थे। इसी प्रकार वर्ष 2015-16 में मात्र 3900 करोड़ का ऋण लिया गया। आज की परिस्थिति में जनता समझ सकती है कि केन्द्र और राज्य दोनों जगह भाजपा की सरकार होने के बावजूद प्रदेश के मुखिया हजारों करोड़ कर्ज लेकर प्रदेश की लुटिया डुबाने में लगे हैं तथा वो दिन दूर नहीं जब प्रदेश ब्याज की रकम चुकाने लायक नहीं रहेगा। नेगी ने कहा कि इसके अतिरिक्त अन्य संस्थाओं से भी हजारों करोड़ कर्ज की देनदारी सरकार पर है। मोर्चा जनता से अपील करता है कि इस माफिया सरकार को उखाड़ फेंकने की दिशा में काम करें। पत्रकार वार्ता में मोर्चा महासचिव आकाश पंवार, डॉ0 ओ0पी0 पंवार, हाजी जामिन, अकरम सलमानी आदि उपस्थित रहे।