दिल्ली महिला आयोग ने कहा, शिक्षा के क्षेत्र में लड़कियां झेल रही हैं भेदभाव
नई दिल्ली । शिक्षा के क्षेत्र में अब भी लड़कियां भेदभाव झेल रही हैं। यह टिप्पणी दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) ने बुधवार को दिल्ली यूनिवर्सिटी के हिंदू कॉलेज का पक्ष सुनने के बाद की। कॉलेज प्रबंधन को एक छात्रा से हॉस्टल की अधिक फीस लेने के मामले में सुनवाई के लिए बुलाया गया था।
कॉलेज प्रबंधन ने कहा कि यूजीसी द्वारा छात्राओं के हॉस्टल निर्माण से लेकर उसकी देखरेख तक के लिए कोई राशि नहीं मिल रही है। छात्रों का हॉस्टल यूजीसी की ग्रांट से निर्मित किया गया है, जबकि कॉलेज में नवनिर्मित गर्ल्स हॉस्टल के लिए यूजीसी से कोई आर्थिक सहायता नहीं मिली। लड़कों के हॉस्टल की देखरेख के लिए यूजीसी हर साल 60 लाख रुपये की राशि देता है। गर्ल्स हॉस्टल के रखरखाव के लिए ऐसी कोई राशि कॉलेज प्रबंधन को नहीं मिलती है।
यूजीसी से राशि न मिलने की वजह से कॉलेज प्रबंधन छात्राओं से 61 हजार रुपये हॉस्टल फीस ले रहा है, जबकि लड़कों से 30,900 रुपये हॉस्टल फीस ली जा रही है। हॉस्टल फीस में चार हजार रुपये विद्यार्थियों को रिफंड कर दिए जाते हैं।
आयोग की अध्यक्ष स्वाति जयहिंद ने कॉलेज का पक्ष सुनने के बाद कहा कि हॉस्टल की फीस में भारी अंतर है। इस मुद्दे पर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से मिलने का समय मांगा है, साथ ही यूजीसी के चेयरपर्सन से भी समस्या पर चर्चा के लिए समय मांगा गया है।