केदारनाथ यात्रा पड़ाव में वीरान गरुड़चट्टी फिर होगी आबाद
रुद्रप्रयाग : वर्ष 2013 की आपदा के बाद से वीरान पड़ी गरुड़चट्टी अगले यात्रा सीजन में एक बार फिर आबाद नजर आएगी। इसके लिए रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन ने कवायद शुरू कर दी है। रामबाड़ा से केदारनाथ तक बन रहे नए पैदल मार्ग से गरुड़चट्टी को जोड़ा जा रहा है। इसका सर्वे कार्य पूरा कर लिया गया है और दिसंबर प्रथम सप्ताह से इस पर कार्य भी शुरू हो जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में यह पैदल मार्ग भी शामिल है। प्रधानमंत्री ने केदारपुरी में नई केदारपुरी के शिलान्यास के मौके पर कहा था कि उन्होंने स्वयं नब्बे के दशक में यहां विश्राम किया था। लिहाजा, प्रशासन इस मार्ग को आगामी यात्रा सीजन से पूर्व ही तैयार कर देना चाहता है।
वर्ष 2010 में केदारनाथ आपदा के दौरान रामबाड़ा से केदारनाथ तक का पैदल मार्ग पूरी तरह ध्वस्त हो गया था। ऐसे में रामबाड़ा से दूसरी पहाड़ी पर लिनचोली होते हुए केदारनाथ तक नया पैदल मार्ग बनाया गया। लेकिन, पुराने पैदल मार्ग पर स्थित गरुड़चट्टी अलग-थलग पड़ गई, जो कि आपदा में सुरक्षित बच गई थी।
गत 20 अक्टूबर को केदारनाथ पहुंचने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत रामबाड़ा से केदारनाथ तक गरुड़चट्टी होते हुए नया पैदल मार्ग बनाने की नींव रखी। इसके बाद स्थानीय प्रशासन नए पैदल मार्ग बनाने की कवायद में जुट गया है। पैदल मार्ग का सर्वे कार्य पूरा होने के बाद इसका आगणन भी तैयार कर लिया गया है।
आठ किमी लंबे इस मार्ग को बनाने में लगभग 17 करोड़ रुपये खर्च होंगे। मार्ग का निर्माण मई 2018 तक हर हाल में पूर्ण होना है। हालांकि, आने वाले समय में इस पूरे क्षेत्र में कड़ाके की ठंड पडऩे से निर्माण कार्य में दिक्कतें पेश आना लाजिमी है। बावजूद इसके प्रशासन ने इस चुनौती को पूरा करने के लिए कमर कस ली है।
केडीए के पास नहीं इंजीनियर
केदारनाथ विकास प्राधिकरण (केडीए) के पास अभी इंजीनियर नहीं है। ऐसे में गुप्तकाशी लोक निर्माण खंड ही केदारनाथ में निर्माण कार्य की जिम्मेदारी संभाले हुए है। लोनिवि गुप्तकाशी रामबाड़ा से केदारनाथ तक पैदल मार्ग निर्माण के साथ ही केदारनाथ मंदिर के सामने रास्ते का चौड़ीकरण और मंदिर के पीछे सौंदर्यीकरण का कार्य भी कर रहा है।
सर्वे का काम पूरा
रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल के मुताबिक रामबाड़ा से केदारनाथ तक पैदल मार्ग के सर्वे का कार्य पूरा किया जा चुका है। उम्मीद है कि शीघ्र निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया जाएगा। हमारी टीम कड़ाके की ठंड में भी पूरी मेहनत से कार्य कर रही है।