दिल्ली-NCR को जल्द मिलेगा दूसरा एयरपोर्ट, 2021 में शुरू हो सकती हैं उड़ानें

नई दिल्ली । जेवर में प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के लिए कंसेशनेयर का चयन साल के अंत तक होने की संभावना है,  जबकि 2021 के अंत तक एयरपोर्ट से उड़ानें भी शुरू हो सकती हैं।

यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्टि्रयल डेवलपमेंट अथारिटी (YEIDA) के अध्यक्ष प्रभात कुमार के अनुसार, जेवर एयरपोर्ट के लिए कंसेंशनेयर कंपनी का चुनाव करने के लिए निविदा अगस्त में सार्वजनिक कर दी जाएगी। हमारा मकसद साल के अंत तक कंसेशनयर का चयन पूरा कर लेने का है।

विमानन सचिव राजीव नयन चौबे ने भी कंसेशनेयर के चयन के साथ-साथ दिसंबर तक जेवर एयरपोर्ट के शिलान्यास की उम्मीद जताई है। उन्होंने तो यहां तक कहा कि परियोजना का मुख्य कार्य पूरा होने पर दिसंबर, 2021 तक जेवर से उड़ाने शुरू हो सकती हैं।

इस बीच YEIDA ने जुलाई तक एयरपोर्ट के लिए जमीन अधिग्रहण पूरा कर लेने का लक्ष्य रखा है। गौतमबुद्ध यूनिवर्सिटी को परियोजना के सामाजिक प्रभाव के अध्ययन की जिम्मेदारी सौंपी गई है। प्रभात कुमार के अनुसार परियोजना के लिए पर्यावरण मंजूरी लेने के लिए यीडा तथा विमानन मंत्रालय के अधिकारी अगले महीने पर्यावरण सचिव से मुलाकात करेंगे।

YEIDA ने जेवर एयरपोर्ट को लाभप्रद बनाने के लिए इसे दिल्ली शहर और इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के साथ द्रुत यातायात साधन से जोड़ने की तैयारी भी शुरू कर दी है। इसके लिए एक तकनीकी परामर्शदाता की नियुक्ति की जाएगी। YEIDA अध्यक्ष के मुताबिक दिल्ली और जेवर के बीच सुगम आवागमन सुनिश्चित होने से परियोजना के कामयाब होने की संभावनाएं बढ़ जाएंगी।

नागरिक विमानन मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश के जेवर (ग्रेटर नोएडा) में एयरपोर्ट की स्थापना के प्रस्ताव को पिछले साल मंजूरी दी थी। यह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में बनने वाला दूसरा एयरपोर्ट होगा। उत्तर प्रदेश सरकार ने परियोजना के कार्यान्वयन, जमीन अधिग्रहण का जिम्मा यमुना एक्सप्रेसवे डेवलपमेंट अथारिटी को सौंपा है, जो इसके लिए विशेष प्रयोजन कंपनी (एसपीवी) का गठन करेगी।

विमानन मंत्रालय के अधिकारियों का मानना है कि रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम उडान के कारण आने वाले दिनों में अन्य राज्यों के साथ-साथ एनसीआर में विमानन गतिविधियां का बड़े पैमाने पर विस्तार होने की संभावना है।

ऐसे में जेवर एयरपोर्ट का समय पर तैयार होना जरूरी है। अन्यथा दिल्ली एयरपोर्ट के लिए कठिनाई खड़ी हो सकती है, इसलिए एक तरफ जेवर के लिए प्रक्रियाओं को तेज किया जा रहा है।

वहीं दिल्ली एयरपोर्ट के मौजूदा इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने की तैयारी भी हो रही है। इस सिलसिले में जीएमआर-डायल की ओर से टर्मिनल-1डी व टी-3 के अलावा टर्मिनल-2 तैयार कर दिया गया है तथा गो एयर और स्पाइसजेट को वहां भेज दिया गया है। ठोस योजना के तहत दिल्ली एयरपोर्ट के टर्मिनलों की विभिन्न सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं।

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