सरकारी उच्च प्राथमिक स्कूलों पर मंडरा रहा संकट, 152 स्कूल बंदी की कगार पर

पौड़ी : गढ़वाल मंडल में सरकारी प्राथमिक स्कूलों के बाद 152 उच्च प्राथमिक विद्यालय ऐसे हैं जो संकट के दौर से गुजर रहे हैं। इन विद्यालयों में छात्र संख्या महज दस से कम है। आगे भी यही हाल बना रहा तो ऐसे विद्यालयों पर भी विलीनीकरण का संकट मंडरा सकता है। फिलवक्त शिक्षा महकमें ने दस से कम छात्र संख्या वाले ऐसे स्कूलों की सूची तैयार कर दी है।

शिक्षा विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो गढ़वाल मंडल के उच्च प्राथमिक विद्यालयों में छात्र संख्या की कमी विभाग के लिए चिंता का कारण बनने लगी है। सबसे ज्यादा खराब स्थिति तो पौड़ी जनपद की है। यहां 54 सरकारी उच्च प्राथमिक स्कूल ऐसे हैं जहां छात्र संख्या दस से कम हैं। कमोबेश यही हाल उत्तरकाशी जनपद का बना हुआ है। यहां ऐसे विद्यालयों की संख्या 38 है। पहाड़ी जनपदों के स्कूलों में सिमटती छात्र संख्या विषम भौगोलिक परिस्थितियां और पलायन भी है। लेकिन इसी को आधार बनाकर विभागीय कार्यशैली का आंकलन भी नहीं किया जा सकता। इसके इतर देखें तो सरकारी पाठ्यक्रम को लेकर समय-समय पर उठती रही आवाजें भी इसका एक बड़ा कारण हो सकता है।

दस से कम छात्र संख्या वाले विद्यालयों की संख्या

चमोली———————–19

रुद्रप्रयाग———————02

पौड़ी————————–54

टिहरी————————-23

उत्तरकाशी——————-38

देहरादून———————-16

राजकीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के प्रदेश कोषाध्यक्ष अवतार सिंह रावत ने बताया कि सरकारी उच्च प्राथमिक विद्यालयों में दस से कम छात्र संख्या की वजह पाठ्यक्रम भी है। आज हर अभिभावक अपने बच्चों को को बेहतर शिक्षा देना चाहता है। इसलिए गुणवत्ता परख पाठ्यक्रम बहुत जरूरी हो गया है।

वहीं प्रारंभिक शिक्षा गढ़वाल मंडल के अपर शिक्षा निदेशक एसपी खाली ने बताया कि उच्च प्राथमिक स्कूलों में शैक्षिक गुणवत्ता बनाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। यह बात सही है कि मंडल में 152 ऐसे विद्यालय हैं। जहां छात्र संख्या दस से कम हैं। इसका प्रमुख कारण अभिभावकों का प्राइवेट स्कूलों की ओर बढ़ता रुझान भी है।

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