हरिद्वार में सात घंटे चेतावनी के निशान के ऊपर बही गंगा, अलर्ट
हरिद्वार : पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश के चलते गंगा ऊफान पर है। गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से करीब पहुंच गया है। गंगा के रौद्र रूप को देखते प्रशासन व आपदा प्रबंधन विभाग ने बाढ़ चौकियों व तहसील प्रभारियों को अलर्ट जारी किया है। नौ घंटे गंगा चेतावनी निशान को पार कर बहने से प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है। इससे ग्रामीण सहमे हैं।
मंगलवार को गंगा खतरे के निशान 293 मीटर के नजदीक बहने के चलते ऊफान पर रही है। लगातार पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश के चलते गंगा का जलस्तर घट बढ़ रहा है। मंगलवार की सुबह छह बजे गंगा का जलस्तर चेतावनी निशान 293 मीटर को पार कर गया, जो 293.20 मीटर पहुंच गया। इसके चलते गंगा से सटे इलाकों में शामिल लक्सर, श्यामपुर आदि क्षेत्र में रहने वाले लोग दहशत में रहे हैं।
इसके बाद जिला आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से सूचना जिलाधिकारी दीपक रावत को दी गई। डीएम के आदेश के बाद आपदा प्रबंधन विभाग ने सभी बाढ़ चौकियों व तहसील प्रभारियों को आदेश जारी किया है। बकायदा वहाटसएप के माध्यम से भी डीएम ने सभी को सूचनाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। इस बीच गंगा का जलस्तर कम होने के बजाये बढ़ता ही चला गया।
एक बजे तक गंगा का जलस्तर 293.60 मीटर रेकार्ड किया गया। लगातार गंगा का जलस्तर सात घंटे चेतावनी निशान के ऊपर होने के चलते पुलिस प्रशासन के हाथ पांव फूल गए। दोपहर में कंट्रोल रूम को जानकारी मिली कि पशुलोक बैराज से पानी छोड़ा गया है। इसके बाद दुबारा से आपदा प्रबंधन ने वाटसएप ग्रुप के माध्यम से गंगा की स्थिति पर रिपोर्ट साझा कर अलर्ट रहने के लिए निर्देशित किया।
अधिकारियों की माने तो बैराज से पानी छोड़ने के कारण गंगा का जल जलस्तर और बढ़ने की संभावना है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी मीरा कैंतुरा ने बताया कि तीन बजे गंगा का जलस्तर 293 मीटर दर्ज किया गया। डीएम दीपक रावत ने बताया कि अलर्ट जारी किया गया है। एडीएम व एसडीएम को अलर्ट रहने के साथ ही क्षेत्र व बाढ़ चौकियों का निरीक्षण को निर्देशित किया है।
इस तरह बढ़ा गंगा का जलस्तर
-सुबह 6 बजे——–293.20 मीटर
-8 बजे————-293.20 मीटर
-10 बजे————–293.25 मीटर
-12 बजे————-293.30 मीटर
-दोपहर एक बजे—————293.60 मीटर
-दोपहर तीन बजे————–293 मीटर
दहशत में रहे कांगडी के ग्रामीण
गंगा का जलस्तर बढ़ने से कांगड़ी के ग्रामीण दिन व रात भर दहशत में रहे। गंगा का पानी गांव से छूकर बह रहा है। हल्का भी पानी बढ़ने पर गांव में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है।
2013 में आई आपदा ने पहाड़ी छेत्रों के साथ मैदानी छेत्रों में जमकर कहर बरपाया था। जिससे हरिद्वार भी अछूता नहीं रह था। हरिद्वार के लक्सर, भोगपुर, श्यामपुर और कांगड़ी में बाढ़ ने भारी नुकसान पहुंचाया था। कांगड़ी गांव में बाढ़ का पानी पहुंच गया था। पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही बारिश से गंगा का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंचने से कांगड़ी के ग्रामीण दहशत के साये में जीने को मजबूर है।
आलम यह है कि ग्रामीणों को सोमवार की रात भर गांव में पानी घुसने का खतरा सताने लगा। ग्रामीण प्रताप सिंह, पूर्व उपप्रधान सोमपाल, अशोक, सुनील पाल, रविंद्र पाल ने बताया कि जिला प्रशासन लगातार क्षेत्र की उपेक्षा कर रहा है। गांव में गंगा किनारे तटबंध बनाये गए थे, जो पहली बारिश में ही बह गए थे।
आरोप लगाया कि प्रशासन ने अब नदी किनारे वायर क्रेट लगाने का काम शुरू किया है। जो बरसात आते ही बह सकता है। कहा कि सिर्फ पैसों को ठिकाने लगाने के लिए काम किया जा रहा है। ग्राम प्रधान राजेश कुमार ने कहा कि गांव मे बाढ़ का खतरा है। अगर जिला प्रशासन पहले से क्षेत्र में काम करता तो ऐसे हालात पैदा नहीं होते। वही विधायक यतीश्वरानंद ने बताया कि अधिकारियों को बाढ़ से बचने के लिये हरसंभव प्रयास करने को कहा है। सरकार भी इस ओर संजीदा है।