स्वच्छता की पेश की मिसाल, खुले में शौच करने पर 2000 का चालान
उत्तरकाशी : जिला मुख्यालय से सात किलोमीटर दूर गणेशपुर ग्राम पंचायत ने स्वच्छता के मामले में नजीर पेश की है। गांव के निकट एक निजी अस्पताल के निर्माण में लगे श्रमिकों के लिए अस्थायी शौचालय न बनाने पर ग्राम प्रधान ने ठेकेदार का न सिर्फ दो हजार रुपये का चालान काटा, बल्कि निर्माण कार्य भी रुकवा दिया। बाद में ठेकेदार को श्रमिकों के लिए गंगोरी के पास शौचालययुक्त कमरे लेने पड़े। उत्तराखंड में किसी ग्राम पंचायत की ओर से किया गया इस तरह का यह पहला चालान है।
उत्तरकाशी जिले की गणेशपुर ग्राम पंचायत में सभी परिवारों के पास शौचालय हैं। गांव के बेहद गरीब दो परिवारों ने अभी शौचालय नहीं बनाए हैं। ऐसे में ग्राम प्रधान ने गांव में नियमित सार्वजनिक शौचालयों का उपयोग करने की अपील की तो ये परिवार भी शौचालय का उपयोग करने लगे। नतीजा, गांव पूरी तरह ओडीएफ घोषित हो गया। हालांकि, बावजूद इसके कुछ माह पहले गणेशपुर गांव के गरमपानी तोक में बन रहे एक निजी अस्पताल भवन निर्माण में लगे 25 श्रमिक खुले में शौच जा रहे थे। गणेशपुर गांव की प्रधान पुष्पा चौहान को जब यह पता लगा तो उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ नोटिस जारी किया और श्रमिकों के लिए तत्काल शौचालय की व्यवस्था कराने के निर्देश दिए। लेकिन, ठेकेदार ने प्रधान के इस नोटिस को गंभीरता से नहीं लिया।
ऐसे में बीते 28 नवंबर को प्रधान पुष्पा चौहान ने निर्माण स्थल पहुंचकर ठेकेदार के खिलाफ 200 रुपये का चालान काट दिया। यही नहीं, प्रधान ने ग्रामीणों के साथ मिलकर चिकित्सालय भवन का निर्माण कार्य भी रुकवा दिया। साथ ही चेताया कि जब तक ठेकेदार अपने 25 श्रमिकों के लिए शौचालय की व्यवस्था नहीं करता, तब तक निर्माण कार्य शुरू नहीं किया जाएगा। आखिरकार ठेकेदार को श्रमिकों के लिए गंगोरी में शौचालययुक्त कमरे किराये पर लेने पड़े। तब जाकर चिकित्सालय भवन का निर्माण कार्य शुरू हो पाया।
ग्राम पंचायत गणेशपुर की प्रधान पुष्पा चौहान ने कहा कि हमारा गांव पूरी तरह ओडीएफ गांव है। गांव के पास बन रहे एक चिकित्सालय भवन के निर्माण में लगे श्रमिक टेंट लगाकर रह रहे थे और खुले में शौच को जा रहे थे। ऐसे में मुझे सख्त कदम उठाने को बाध्य होना पड़ा। चालान की धनराशि ग्राम पंचायत के खाते में डाली गई है।
वहीं जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान का कहना है कि गणेशपुर ग्राम पंचायत और प्रधान की ओर से स्वच्छता को लेकर किए गए कार्य सराहनीय हैं। जो नजीर गणेशपुर की प्रधान ने पेश की है, उससे अन्य गांवों के प्रतिनिधियों को भी सीख लेनी चाहिए। ताकि परिवेश साफ-सुथरा रहे।