बेटियों ने दी शहीद पिता को मुखाग्नि, सभी की आंखें हो गईं नम
हरिद्वार : जम्मू कश्मीर के उरी सेक्टर में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए उत्तराखंड के लाल हवलदार नरेंद्र सिंह बिष्ट का अंतिम संस्कार गुरुवार को हरिद्वार के खड़खड़ी स्थित श्मशान घाट पर पूरे सैन्य सम्मान के साथ किया गया। उनकी दोनों बेटियों निकिता और नेहा ने जब शहीद पिता को मुखाग्नि दी तो सभी की आंखें नम हो गईं।
मूलरूप से चमोली जिले के नारायणबड़ ब्लॉक के नाखोली गांव निवासी हवलदार नरेंद्र सिंह बिष्ट का परिवार सेलाकुई में रहता है। वह कश्मीर के उरी सेक्टर में चौथी गढ़वाल राइफल में तैनात थे। सात अगस्त को आतंकियों से लोहा लेते हुए वह गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे। जम्मू के सैन्य अस्पताल में उन्हें भर्ती कराया गया था।
बुधवार को उन्होंने अंतिम सांस ली थी। बुधवार को उनका पार्थिव शरीर सेलाकुई स्थित आवास पर लाया गया था। एसडीएम मनीष कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत व जिलाधिकारी दीपक रावत की ओर से शहीद नरेंद्र सिंह बिष्ट के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित कर सम्मान देते हुए अंतिम विदाई दी। उनके साथ तहसीलदार सुनैना राणा, सीओ प्रकाश देवली और शहर कोतवाल इंस्पेक्टर चंद्रभान ने भी शहीद हवलदार नरेंद्र ङ्क्षसह बिष्ट को नमन किया।
खड़खड़ी श्मशान घाट पर सेना के जवानों ने पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनको अंतिम विदाई दी। एसडीएम ने बताया शहीद नरेंद्र सिंह बिष्ट को मुखाग्नि उनकी बेटियों नेहा व निकिता ने दिया। जब उनकी बेटियां अपने शहीद पिता को मुखाग्नि देने लगीं तो वहां पर मौजूद सभी की आंखें भर आईं।
इससे पूर्व देहरादून के सेलाकुईं में शहीद की अंतिम यात्रा में जन सैलाब उमड़ पड़ा। लोगों ने नम आंखों से भारत माता के वीर सपूत को अंतिम विदाई दी। शहीद की दोनों बेटियों ने उनकी पार्थिव देह को कांधा दिया। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह, सहसपुर विधायक सहदेव पुंडीर, विकासनगर विधायक मुन्ना चौहान, राज्यपाल के प्रोटोकाल अधिकारी संतोष सकलानी समेत बड़ी संख्या में लोगों ने शहीद को श्रद्धासुमन अर्पित किए।