छुट्टियों का मजा, सजा में तब्दील करा रहे अधिकारी

रेलवे स्टेशन पर जनसुविधाएं राम भरोसे

देहरादून, । चिलचिलाती गर्मी में लोगों का क्या हाल होगा जब 10 से 15 घंटे ट्रेन लेट हो तो इस इसका अंदाजा दिल्ली से देहरादून तक के लोग आसानी से लगा सकते हैं। पर्यटन सीजन में ट्रेनों में सफर करते हुए लोगों की हालत खराब हो रही है और छुट्टियों का मजा, सजा में बदल जा रहा है।पिछले एक साल से जो लोग भी रेलवे से सफर कर रहे हैं, उनके धैर्य को अब सलाम ही करना चाहिए। चाहे गर्मी हो या सर्दियां या फिर रेलवे यात्रियों के पसीने ही छुड़ा रहा है। लिंक, राप्ती, गोरखपुर, हावड़ा एक्सप्रेस सभी रिकॉर्ड तोड़ देरी से चल रही हैं।ट्रैक पर मरम्मत कार्य के चलते ट्रेनें घंटों लेट हैं। ऊपर से जो लोग स्टेशन पर इंतजार कर रहे हैं उनके लिए रेलवे द्वारा की गई व्यवस्था भी भगवान भरोसे है। न पानी है, न ट्रेनों में अच्छा खाना. ट्रेन का इंतजार भी यात्रियों के लिए मुसीबत बन गया है। लेकिन रेलवे अधिकारियों को यात्रियों की परेशानी से कोई मतलब नहीं है. अपने एसी रूम में बैठे रेलवे अधिकारी इसे बहुत सामान्य बात मान रहे हैं। उनका कहना है कि ट्रेनों का लेट होना तो उनके बस से बाहर की बात है लेकिन यात्री सुविधाओं को दुरुस्त करने की पूरी कोशिश की जाएगी।स्कूलों में छुट्टियों के चलते बड़ी संख्या में पर्यटक मसूरी जाने के लिए देश के दूसरे हिस्सों से देहरादून आते हैं। दिल्ली से देहरादून आने वाली शताब्दी एक्सप्रेस, दून से हावड़ा चलने वाली उपासना सुपर फास्ट एक्सप्रेस ,लिंक एक्सप्रेस जैसी ट्रेनें भी आम आदमी को रुला रही हैं। ऊपर से स्टेशन में लगाई गई लाखों रुपये की वाटर वेंडिग मशीनें भी धूल फांक रही है। 4 वाटर वेडिंग मशीनों में से एक से भी यात्रियों को पीने का स्वच्छ पानी नहीं मिल पा रहा है।

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