जिम्बाब्वे में वन्य जीव रेस्क्यू के आधुनिक तरीके सीखेंगे वन कर्मी

नैनीताल : वन्य जीवों को पकड़ने के लिए चलाए जाने वाला रेस्क्यू अभियान अब परंपरागत नहीं होगा। इसके लिए आधुनिक तकनीक की मदद ली जाएगी। इसके लिए वन विभाग की टीम वाइल्ड कैप्चर कोर्स के लिए जिम्बाब्वे में वन्य जीव रेस्क्यू के आधुनिक तरीके सीखेंगे।

जिम्बाब्वे का मलिंगलांगे नेशनल पार्क दुनिया में सबसे बड़े पार्कों में शुमार है, जिसका क्षेत्रफल 50 हजार हेक्टेयर है। इसमें बाघ, गैंडा, टाइगर जैसे बड़े वन्य जीव हैं। पार्क में इन जानवरों पकडऩे के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है। पूरी दुनिया में इस पार्क का वाइल्ड कैप्चर प्रशिक्षण सबसे प्रभावी है।

उत्तराखंड का वन महकमा भी इस पार्क में बड़े वन्य जीवों को रेस्क्यू करने के तौर तरीके अपनाएगा। इसके लिए कुमाऊं के मुख्य वन संरक्षक डॉ. कपिल जोशी के नेतृत्व में बुधवार को वन विभाग के अधिकारियों का दल अफ्रीकी देश के लिए रवाना हो गया।

अधिकारियों का यह दल दस दिनों तक प्रशिक्षण लेगा। जो 20 फरवरी तक चलेगा। कुमाऊं के मुख्य वन संरक्षक कपिल जोशी ने बताया कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में विभिन्न देशों के 42 अफसर व विशेषज्ञ शामिल होंगे। उन्होंने बताया कि राज्य में अभी वन्य जीवों को रेसक्यू करने के लिए एक मात्र विधि ट्रेंकुलाइज करने की है। जानवरों के घरों में घुसने, तारबाड़ में फंसने की लगातार घटनाएं बढ़ रही हैं।

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