तापमान बढ़ने के साथ जंगलों में आग लगना शुरू, 04 घटनाओं में जल चुके 4 हेक्टेयर जंगल

देहरादून/हल्द्वानी । गर्मी बढ़ने के साथ ही जंगलों में आग लगने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। राज्य के जंगलों में अभी तक आग की 4 की घटनाएं हो चुकी हैं। जिसमें करीब 4 हेक्टेयर जंगल जला है। जंगल की सुरक्षा करने वाले वन कर्मियों की ड्यूटी कानून व्यवस्था बनाए रखने में लगाने के बाद से पदाधिकारियों की चिंताएं बढ़ गई हैं। उत्तराखंड के 64.79% से ज्यादा भूभाग में जंगल हैं। इसमें से करीब आधे हिस्से में घने जंगल हैं। अगर इन क्षत्रों में आग लग जाए तो वन, दमकल कर्मियों की पहुंच बहुत मुश्किल  है। इन क्षेत्रों में जंगलों की आग ना लगे और लगने की स्थिति में कम से कम फैले इसके लिए वन विभाग फायर सीजन से पहले यानी 15 फरवरी से पहले फायर लाइन खींचता है।जो दो जंगलों के बीच आग फैलने को रोकती है। लेकिन इस बार कोरोना के चलते फायर कंट्रोल का बजट नहीं मिला, जिसके चलते रेंज में यह फायरलाइन नहीं खींची गई है। ऐसे में आग फैलने का खतरा बढ़ा हुआ है। इस साल 8 अप्रैल तक उत्तराखंड के वनों में आग लगने की 4 सामने आई है।ये आग की घटना गढ़वाल मंडल में हुई हैं।  जिसमें करीब 4 हेक्टेयर वन जल गया। वनों, वन्यजीवों की सुरक्षा तथा आग रोकने की जिम्मेदारी जिन वन कर्मचारियों पर है उनमें से कई की ड्यूटी लॉकडाउन के चलते कानून व्यवस्था बनाए रखने में लगाई गई है। जिससे जंगलों में आग लगने पर उसके प्रसार को रोकने में काफी मुश्किलें आएंगी।  वनों से आग की सुरक्षा को लेकर मुख्यालय ने फायर कंट्रोल रूम भी बना दिया है लेकिन वन कर्मियों की कमी से आग पर काबू पाना मुश्किल ही होगा।वनों में आग को रोकने को लेकर मुख्यालय ने पूर्व में ही कड़े दिशा निर्देश जारी किए हैं। फायर कंट्रोल रूम बनाने के साथ साथ ग्रामीणों के बीच जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। कानून व्यवस्था बनान को ड्यूटी में लगाए गए वन कर्मचारियों को ड्यूटी रोटेशन से लगायी जा रही है ताकि वन और वन्यजीवों की पूरी निगरानी की जा सके ।

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