फर्जी कागजात से वाहन फाइनेंस कराकर बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश, छह गिरफ्तार
गाजियाबाद । साहिबाबाद पुलिस ने शुक्रवार रात राजेंद्र नगर से छह बदमाशों को गिरफ्तार कर फर्जी कागजात तैयार कर नए वाहन फाइनेंस कराकर बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। आरोपियों के पास फर्जी कागजात से फाइनेंस कराई गई पांच नई लग्जरी कारें, तीन बाइक व दो स्कूटी बरामद हुई हैं। गिरोह ग्राहकों की मांग पर वाहन फाइनेंस कराकर बेचता था। पुलिस गिरोह और बैंक के कर्मचारियों का तार जोड़ने का प्रयास कर रही है।
पुलिस अधीक्षक अपराध प्रकाश कुमार ने बताया कि शुक्रवार की रात करीब साढ़े आठ बजे साहिबाबाद थाना प्रभारी राकेश कुमार सिंह, उपनिरीक्षक रामकुमार कुंतल व अंजनी कुमार सिंह ने टीम के साथ बीकानेर कट राजेंद्र नगर से छह बदमाशों को पकड़ा है। उनके पास से चार फर्जी पैन कार्ड व दो फर्जी आधार कार्ड बरामद हुए हैं।
पकड़े गए बदमाशों से थाने पर पूछताछ की गई, तो पता चला कि वे फर्जी कागजात से वाहन फाइनेंस कराकर बेचते हैं। इनकी पहचान मंडावली दिल्ली निवासी कुलदीप, स्वर्ण पार्क मुंडका दिल्ली के दीपक, बहादुरगढ़ झज्जर हरियाणा के शिशिर, गोकलपुर अमर कॉलोनी दिल्ली के राजीव, सरफावार लोनी के विक्रम और अमर कॉलोनी ईस्ट गोकुलपुरी दिल्ली के वरुण के रूप में हुई है।
सिकंदरपुर स्थित खाली प्लॉट से गिरोह की निशानदेही पर फर्जीवाड़ा कर फाइनेंस कराई हुई टेरोनो, ईटिओस, आई-20, स्विफ्ट व वेटो कार, बुलेट, अपाचे, एफजेड और दो सुजुकी की स्कूटी बरामद की गई। आरोपियों को शनिवार को जेल भेज दिया गया।
दिल्ली में था कार्यालय
राकेश कुमार सिंह ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों ने दिल्ली के स्वर्ण पार्क मुंडका में वाहनों को बेचने और खरीदने का कार्यालय खोल रखा था। वहां पर ग्राहकों को वाहन बेचते थे। ग्राहक जिस वाहन की मांग करते थे वह लोग फर्जी कागजात द्वारा बैंक से उसे फाइनेंस कराते थे।
ग्राहक यदि दिल्ली के होते थे, तो वाहन गाजियाबाद के बैंक से फाइनेंस कराते थे। ग्राहक गाजियाबाद के होते थे, तो दिल्ली के बैंक से। वाहनों की आरसी और बीमा का कागज सही होने के कारण उनकी जालसाजी ग्राहकों और जांच में पुलिस की पकड़ में नहीं आती थी। गिरोह करीब छह साल से यह गोरखधंधा कर रहा था। उन्होंने बताया कि पूछताछ के आधार पर गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश की जा रही है।
फोटोशॉप से तैयार करते थे फर्जी आइडी कार्ड
प्रकाश कुमार ने बताया कि गिरफ्तार सभी आरोपी स्नातक हैं। आरोपी शिक्षा का दुरुपयोग करते थे। फोटोशॉप से फर्जी मतदाता पहचान पत्र, राशन कार्ड, आधार कार्ड और पैन कार्ड तैयार करते थे। उन्हीं फर्जी पहचान पत्रों के माध्यम से बैंक से वाहन फाइनेंस कराते थे। पुलिस को आशंका है कि बिना किसी बैंक अधिकारी या कर्मचारी की मिलीभगत के यह फर्जीवाड़ा संभव नहीं है। उन्होंने बताया कि जिन बैंकों से फर्जी तरीके से वाहन फाइनेंस हुए हैं वहां के अधिकारियों और सत्यापन करने वाले कर्मचारियों की भूमिका की जांच की जाएगी।
मुख्य बिंदु
– गिरोह के छह आरोपी गिरफ्तार
– पांच कार सहित 10 वाहन बरामद
– चार फर्जी पैनकार्ड व दो फर्जी आधार कार्ड बरामद
– दिल्ली में कार्यालय, साहिबाबाद के सिकंदरपुर में गोदाम
– सभी गिरफ्तार आरोपी हैं शिक्षित और अच्छी कद काठी के
– आरोपी शिशिर वाहनों को खरीदने जाता था
– दीपक और राजीव बैंक से फाइनेंस का काम कराते थे
– विक्रम व कुलदीप ग्राहकों को वाहन दिखाता था
– वरुण के नाम से फर्जी आईडी पर तीन वाहन थे
News Source: jagran.com