शहीदों का सम्मान करना गौरव की अनुभूति: मोहन भागवत

हरिद्वार : शहीद के परिजनों को सम्मानित करना अपने-आप में गौरव की बात है और मैं ऐसा कर खुद को गौरांवित महसूस कर रहा हूं। राष्ट्र उस मां कृतज्ञ है जिसने ऐसे वीर सूपतों को जन्म दिया, जिन्होंने देश की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया, अपना बलिदान दे दिया। धन्य है वह मां जिसने अपने बेटे को राष्ट्र की रक्षा का पाठ पढ़ाया। यह बात राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ सर संघ संचालक मोहन भागवत ने अपने 67वें जन्मदिन के मौके पर दो कारगिल शहीदों के परिजनों को सम्मानित करते वक्त कही।

सोमवार को उन्होंने अपना 67वां जन्मदिन कनखल स्थित सूरत गिरि बंगला आश्रम में संतों के सानिध्य में गंगा पूजन और रूद्राभिषेक कर मनाया। इस मौके पर सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल, शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक, सांसद माला राजलक्ष्मी शाह और लक्सर विधायक संजय गुप्ता ने दी गंगाजलि भेंट कर उन्हें 67वें जन्मदिन की बधाई दी।

इससे पहले इससे पहले संघ प्रमुख मोहन भागवत ने सूरत गिरि बंगला आश्रम पहुंचने पर जगद्गुरु राजराजेश्वराश्रम, सूरत गिरि बंगला आश्रम के महामंडलेश्वर विशेषवरानंद गिरि और दयानंद आश्रम शीशम झाड़ी ऋषिकेश के परमात्मानंद गिरि महाराज से आर्शीवाद लिया। कुछ देर संतों संग एकांत में वार्ता करने के पश्चात उन्होंने आश्रम स्थित गंगा तट पर गंगा पूजन और रूद्राभिषेक किया।

गंगा पूजन के बाद उन्होंने कारगिल शहीद परमवीरचक्र विजेता लखनऊ निवासी शहीद कैप्टन मनोज पांडेय और नोएडा निवासी वीरचक्र विजेता शहीद कैप्टन विजयेंद्र थापर के माता-पिता को शॉल-माला पहना और गंगाजलि भेंट कर सम्मानित किया। उन्होंने देश पर सर्वस्व न्यौछावर कर अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों का सम्मान करना गौरव की बात होती है और वे ऐसा कर खुद को गौरांवित महसूस कर रहे है।

कहाकि धन्य है वह जिसने देश की रक्षा को ऐसे वीर सपूतों को जन्म दिया, उन्हें देश की रक्षा का पाठ पढ़ाया। इस मौके पर उन्होंने वीर चक्र विजेता कैप्टन विजयेन्द्र की मां त्रिप्दा थापर को सम्मानित करते वक्त उन्होंने उन्हें कमर तक झुक कर प्रणाम भी किया।

इसके बाद उन्होंने आश्रम द्वारा उनके सम्मान में आयोजित भंडारे में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद्र अग्रवाल, शहरी विकास मंत्री माला राजलक्ष्मी शाह, लक्सर विधायक संजय गुप्ता, महामंडलेश्वर विशेषश्वानंद और परमात्मानंद गिरि महाराज के साथ प्रसाद ग्रहण किया।

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