खेती को लाभप्रद बनाना होगा : नायडू

पुणे। उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा है किसानों के ऋणों को माफ करने के बजाए कृषि को टिकाऊ और लाभप्रद बनाना तथा किसानों की आमदनी को बढाने के तरीके खोजना अधिक महत्वपूर्ण है और यह उनकी समस्याओं का स्थाई हल हो सकता है। नायडू ने दो दिवसीय मेकिंग एग्रीकल्चर सस्टेनेबल एंड प्रोफिटेबल राष्ट्रीय मंथन कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए कहा कि कृषि क्षेत्र में अधिक चुनौतियां देखने को मिल रही है और यह समय की मांग है कि कृषि को सतत और लाभप्रद बनाने के लिए बहु रणनीति अपनाई जाए। उन्होंने उपलब्ध अल्प साधनों के संतुलित इस्तेमाल पर जोर देते हुए कहा कि इस समय चार ‘आई‘ पर अधिक ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है और ये सिंचाई,(इरीगेशन) आधारभूत संरचना (इंफ्रास्ट्रक्चर), निवेश(इनवेस्टमेंट) और बीमा (इंश्योरेंस)हैं। उन्होंने कहा कि हमने गांधीजी की उस बात पर ध्यान नहीं दिया था जब उन्होंने वापस गांव की ओर चलो’का नारा दिया था लेकिन यह अब समय की मांग है कि हम सब एक होकर कृषि को टिकाऊ और लाभप्रद बनाने के लिए काम करें। इस मौके पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडनवीस ने कहा कि उनका राज्य उन कुछ गिने चुने राज्यों में शुमार है जिसने किसानों की रिण माफी की योजना की घोषणा की है। उन्होंने इस बात पर दुख प्रकट किया कि राज्य के भंडारगृह फसलों से भरे पड़े हैं लेकिन उनकी बिक्री के कोई रास्ते नहीं हैं।

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