किसानों को मिलेंगे अतिरिक्त आय और रोजगार के अवसर

देहरादून, । देश मे विकास के साथ-साथ ऊर्जा की माँग में अनवरत बढ़ोतरी हो रही है। परम्परागत ऊर्जा स्त्रोतों के दहन से होने वाले प्रदूषण को ध्यान मे रखते हुए, आज ऊर्जा के अतिरिक्त स्त्रोतों जैसे की जैव ऊर्जा के उत्पादन को प्राथमिकता प्रदान की जा रही है। जैव-ईंधन, तेल आयात पर देश की निर्भरता और प्रदूषण को कम करने मे सहायक है। साथ ही यह किसानों को अतिरिक्त आय प्रदान करने तथा ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने में कारगर है। सीएसआईआर भारतीय पेट्रोलियम संस्थान के वैज्ञानिकों ने पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के सहयोग से ब्रेसिका केरीनाटा काली सरसो की फसल तैयार की है जिससे बायोडीजल बनाया जा सकता है। हाल ही मे 11 नवंबर से 13 नवंबर के दौरान एस एस जी आई एम टी काशीपुर के प्रांगण में लगभग तीन एकड़ में इस फसल को लगाया जा चुका है। पिछले सप्ताह 21 नवंबर से 24 नवंबर के दौरान राष्ट्रीय वनस्पति अनुसन्धान संस्थान, लखनऊ के बंथरा केंद्र में इस फसल को लगाया गया है। यह फसल 4-5 महीने में तैयार हो जाती है और इस फसल के बीज से निकाले गए तेल से बायोडीजल और बायोजेट ईंधन बनाया जा सकता है। सीएसआईआर भारतीय पेट्रोलियम संस्थान की इस परियोजना से सीएसआईआर के विभिन्न संस्थानों तथा राज्य सरकार के सहयोग से बायोडीजल यूनिट को देश के विभिन्न क्षेत्रों में लगाने का प्रयास किया जा रहा है।

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