उपचुनाव के बाद भी पंचायतों के पांच हजार से अधिक पद रह गए खाली
देहरादून । प्रदेश में ग्राम पंचायतों के दोबारा हुए चुनाव के बाद भी ग्राम पंचायत प्रतिनिधियों के पांच हजार से अधिक पद रिक्त रह गए हैं। निर्वाचन आयोग ने शनिवार को मतगणना के बाद परिणाम घोषित किए और बताया कि आचार संहिता समाप्त कर दी गई है। प्रदेश में तीन चरणों में हुए पंचायत चुनाव के बाद भी तीस हजार से अधिक पद रिक्त रह गए थे। इसमें ग्राम पंचायत सदस्यों के साथ ही बड़ी संख्या में ग्राम प्रधानों के पद भी शामिल थे। इस वजह से राज्य निर्वाचन आयोग को पूरे प्रदेश में रिक्त पदों पर उप चुनाव कराने पड़े।शनिवार को मतगणना के बाद चुनाव परिणाम भी घोषित कर दिए गए। आयोग के मुताबिक ग्राम पंचायत सदस्यों के 276, आठ प्रधान पदों, दो सदस्य क्षेत्र पंचायत और एक जिला पंचायत पद पर मतगणना की गई। हरिद्वार में नारसन विकास खंड में 4497 वोट पाने वाली सोनिका को जिला पंचायत सदस्य घोषित किया गया।इसी तरह टिहरी जिले में कीर्तिनगर में गवाणा क्षेत्र से प्रियंका देवी और नरेंद्रनगर में जयकोट के वार्ड दस से महेश को विजेता घोषित किया गया। 25041 ग्राम पंचायत सदस्य, 33 प्रधान, नौ सदस्य क्षेत्र पंचायत और एक जिला पंचायत सदस्य पहले ही निर्विरोध निर्वाचित घोषित किए गए थे।आयोग के मुताबिक अब भी ग्राम पंचायत सदस्यों के 5075, ग्राम प्रधानों के 93 और सदस्य क्षेत्र पंचायत के तीन पद रिक्त हैं। अब आयोग की ओर से शासन से कहा गया है कि वह पता लगाए कि ये पद किस कारण से रिक्त रह गए।माना जा रहा है कि पंचायत चुनाव से ठीक पहले पंचायत सदस्यों की शैक्षिक योग्यता के निर्धारण और आरक्षण की वजह से यह पद खाली रह गए हैं। आयोग को अब इन पदों पर फिर से उप चुनाव कराना होगा।