केदारनाथ-बदरीनाथ ट्रैक पर फंसा ट्रैकिंग दल, तलाश में जुटा एसडीआरएफ
रुद्रप्रयाग : बदरीनाथ-केदारनाथ ट्रैक रूट से आ रहा इंडियन आयल व ओएनजीसी के उच्चाधिकारियों का ग्यारह सदस्यीय दल पिछले पांच दिन से रुद्रप्रयाग जिले के वनपतिया में फंसा हुआ है। मंगलवार शाम रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन को इसकी सूचना मिली।
डीएम मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि पुलिस, आपदा प्रबंधन व एनडीआरएफ की टीम मौके के लिए रवाना कर दी गई है, जो मद्महेश्वर से बूढ़ा केदार होते हुए वनपतिया जाएगी। हालांकि इस टीम को वहां पहुंचने में तीन दिन लग जाएंगे। इस क्षेत्र में लगातार बर्फबारी होने के कारण हेलीकॉप्टर का वहां जाना फिलहाल संभव नहीं है। इसे देखते हुए मदद के लिए वायु सेना को सूचना भेज दी गई है।
सात दिन पूर्व बदरीनाथ से केदारनाथ के लिए पैदल ट्रैक रूट से चला इंडियन आयल व ओएनजीसी के उच्चाधिकारियों का ग्यारह सदस्यीय दल जब बदरीनाथ से लगभग 70 किमी आगे 16 हजार फीट की ऊंचाई पर पहुंचा तो इसमें शामिल दो सदस्यों की तबीयत खराब हो गई।
यहां पर लगातार बर्फबारी होने के कारण दल पिछले पांच दिन से वनपतिया में ही टेंट लगाकर रूका हुआ है। यह स्थान मद्महेश्वर से तकरीबन 75 किमी दूर है। दल के एक सदस्य ने पैदल मद्महेश्वर पहुंचकर मंगलवार शाम फोन पर डीएम रुद्रप्रयाग को इसकी सूचना दी। डीएम मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि पुलिस, आपदा प्रबंधन व एसडीआरएफ की टीम वनपतिया रवाना कर दी गई है, लेकिन मौसम खराब होने के कारण शाम को हेलीकॉप्टर नहीं भेजा जा सका।
वायु सेना से मांगी गई मदद
बदरीनाथ-केदारनाथ ट्रैक पर फंसे नौ सदस्यीय दल को बचाने के लिए प्रशासन ने एसडीआरएफ के दस सदस्यीय दल को रवाना करने के साथ ही वायु सेना से भी मदद मांगी। इस पर दोपहर बाद वायु सेना का एक हेलीकॉप्टर फंसे हुए दल की तलाश में भेजा गया, लेकिन मौसम खराब होने के कारण हेलीकॉप्टर कुछ देर बाद जोशीमठ लौट गया।
दल में शामिल चार लोग तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) और इंडियन ऑयल के अधिकारी बताए जा रहे हैं, जबकि पांच पोर्टर हैं। रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि दल किस स्थान पर है, अभी इसकी सटीक जानकारी नहीं मिल पा रही है। उन्होंने कहा कि जिस ग्लेशियर में दल फंसा है, वह करीब सात किलोमीटर लंबा है।
जिलाधिकारी के अनुसार 14 सदस्यीय यह दल 21 सितंबर को बदरीनाथ से रवाना हुआ था। तीन दिन की यात्रा ठीक-ठाक चली, लेकिन 24 तारीख को टीम लीडर सुप्रिया वर्मन (निवासी पश्चिम बंगाल) की तबियत खराब हो गई। उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी।
इसके अलावा एक अन्य सदस्य को भी पैदल चलने में परेशान हो रही थी। फलस्वरूप दल ने समुद्रतल से 16 हजार फीट की ऊंचाई पर पनपतिया नामक स्थान के आसपास टेंट लगाकर वहीं ठहरने का फैसला किया। यह स्थान रुद्रप्रयाग जिले में मद्महेश्वर से करीब 70 किलोमीटर दूर बताया जा रहा है।
डीएम के अनुसार सुप्रिया के अलावा वहां फंसे सदस्यों के नाम पवन कौशिक, भगवती प्रसाद, सारांश शर्मा व धर्मेन्द्र सिंह हैं। ये तीनों दिल्ली के रहने वाले हैं। शेष पांच स्थानीय पार्टर हैं। उन्होंने बताया कि दल में शामिल पांच सदस्य मंगलवार को पैदल ही मद्महेश्वर पहुंचे और किसी तरह प्रशासन को इसकी सूचना दी। ऊखीमठ के एसडीएम गोपाल सिंह चौहान ने बताया कि इन पांच सदस्यों से संपक करने प्रशासन का एक दल मद्महेश्वर गया है। विस्तृत जानकारी तभी मिल पाएगी। उन्होंने बताया कि दल ने प्रशासन अथवा वन विभाग से ट्रैकिंग की अनुमति नहीं ली है।
रुद्रप्रयाग के पुलिस अधीक्षक पीएन मीणा ने बताया कि एसडीआरएफ की टीम को निकटतम स्थान पर हेलीकॉप्टर से ड्राप किया गया है। यहां से टीम पैदल ही आगे बढ़ रही है। उन्होंने बताया कि वह स्थान करीब 15 से 20 किलोमीटर दूर होगा। एसएसपी ने बताया कि वायुसेना का हेलीकॉप्टर बुधवार को फिर सर्च अभियान चलाएगा।