संक्रमण की दर को कंट्रोल करने के लिए लागू वीकेंड कर्फ्यू का असर दिखाई दिया
देहरादून। उत्तराखंड में बढ़ते कोरोना केसों को रोकने और संक्रमण की दर को कंट्रोल करने के लिए लागू वीकेंड कर्फ्यू का असर दिखाई दिया। प्रदेश के कई शहरों में लोग अपने-अपने घरों में ही रहे। सड़कों पर अनावश्यक घुमने वालों के खिलाफ पुलिस से सख्ती दिखाते हुए उनके चालान काटे। शहरों में सुबह से ही सन्नाटा छाया रहा। सड़कों पर दूर-दूर तक कोई दिखाई नहीं दे रहा था। गढ़वाल मंडल के ऋषिकेश,पौड़ी, टिहरी, उतरकाशी आदि शहरों में वीकेंड कर्फ्यू का व्यापक असर दिखाई दिया। वीकेंड कर्फ्यू का सख्ती से पालन करवाने के लिए प्रशासन की ओर से चौराहों पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया। किसी को भी अनावश्यक घरों से बाहर नहीं निकलने दिया गया। वहीं, कुंमाऊं मंडल में पुलिस-प्रशासन ने भी वीकेंड कर्फ्यू का सख्ती से पालन करवाया। शहरों में कर्फ्यू का व्यापक असर रहा। मेडिकल और अस्पतालों को छोड़कर पूरी तरह शहर बंद रहा। हालांकि गली-मोहल्लों में लोग घरों के बाहर घूमते दिखाई दिए। सुबह के वक्त दूध और डेयरी की दुकानों पर लोगों की भीड़ दिखाई दी लेकिन नौ बजते-बजते बाजारों में सन्नाटा पसर गया। कर्फ्यू के बीच रोडवेज और रेलवे स्टेशन जाने के लिए लोगों को ई-रिक्शा और टेंपो नहीं मिले। रोडवेज में सवारियों के आभाव में खड़ी रहीं बसें। नैनीताल में नगर में परिवहन निगम की ओर से बसों की सेवाओं को तो सुचारू किया गया था। लेकिन बसों में इक्का-दुक्का यात्री ही पहुंचे।हल्द्वानी से नैनीताल संचालित बसों में 3 से 4 सवारियां थी। कई बसों में तो पूरे रास्ते यानी हल्द्वानी से नैनीताल की सवारी तक नहीं मिली। रास्ते की सवारियों को बैठकर कुछ बसें 100 रुपये से कम की सवारी लेकर नैनीताल पहुंची। सुबह 11 बजे तक संचालित 6 बसों में 4 से 5 सवारी यानी लगभग 400 रुपये में गंतव्य तक गयी। बागेश्वर जिले में कोरोना कर्फ्यू का ब्यापक असर देखने को मिला। बाजार सुबह से बंद रहीं। दूध का वाहन आने के बाद लोगों दूध खरीदा। सब्जी आदि की दुकानें बंद रहीं। इस कारण लोग परेशान रहे। अस्पताल और मेडिकल स्टोर खुले रहने से बीमारों को राहत मिली। बारात के बाहन जा रहे हैं। प्रशासन वाहनों के परमिटों की जांच कर रहे थे। सुबह के समय बिलौना में बने स्टेजिंग एरिया में वाहर से आने वाले वाहनों यात्रियों की जांच हो रही थी।इसके अलावा कर्फ्यू का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई कर रही है। हल्द्वानी तथा अन्य शहरों से चलकर सुबह जिला मुख्यालय पहुंचे यात्रियों को गांव तक जाने के लिए वाहन तक नहीं मिले। पिथौरागढ़ जिले में कर्फ्यू का असर कम रहा। बाजार तो बंद रहे। लेकिन लोगों की आवाजाही होती रही। दूध के वाहन आने से लोगों को राहत मिली। टैक्सियों, रोडवेजव निजी वाहनों का संचालन चलता रहा। मेडिकल स्टोर व अस्पताल खुले रहने से मरीजों को भी राहत मिली। मंदिरों में भी लोगों की भीड़ जुटी रही लेकिन अन्य दिनों की अपेक्षा सीमित संख्या में भक्त पहुंचे। कर्फ्यू के दौरान भी जानकारी के अभाव में लोग वैक्सीन लगाने सेंटरों में पहुंचे, लेकिन उन्हें मायूस होकर लौटना पड़ा। पुलिस कार्रवाई के बाद भी लोगों की आवाजाही चलती रही।