डोकलाम विवाद के बाद उत्तराखंड में चीनी नागरिकों की आवाजाही हुई कम

देहरादून : डोकलाम को लेकर भारत-चीन के बीच चल रही जुबानी जंग से उत्तराखंड आने वाले चीनी नागरिकों की संख्या में गिरावट दर्ज की गई है। व्यापार और टूरिस्ट वीजा पर आने वाले चीनी नागरिकों की संख्या में आई कमी को चीन की गोपनीय सुरक्षा एडवाइजरी के रूप में देखा जा रहा है।

डोकलाम को लेकर भारत और चीन के बीच मई से लगातार विवाद की स्थिति बनी हुई है। चीन के कई नागरिक भारत में व्यापार, पढ़ाई और टूरिस्ट वीजा पर रहते हैं। मगर, आठ जुलाई के बाद चीन ने सुरक्षा को लेकर बार-बार गोपनीय एडवाइजरी जारी करते हुए अपने नागरिकों से कहा कि वह भारत में सचेत रहें।

इस एडवाइजरी का असर भारत में चीन के नागरिकों की घटती संख्या के रूप में देखा जा सकता है। अकेले उत्तराखंड में तीन माह के भीतर चीनी नागरिकों की संख्या में काफी गिरावट आई है। जबकि यहां सेलाकुई (देहरादून), ऊधमसिंहनगर और हरिद्वार की कई कंपनियों में हर माह चीन के इंजीनियर व विशेषज्ञ आते रहते हैं। यही हाल चीनी पर्यटकों का भी है।

सूत्रों का कहना है कि कुछ कंपनियों ने चीनी इंजीनियरों और विशेषज्ञों को बुलावा भेजा है, मगर उनका रेस्पॉन्स कम ही आ रहा है। खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट में भी यह बात सामने आई है कि चीन, भारत में रह रहे अपने नागरिकों के लिए ही एडवाइजरी जारी करता है। जो कि सुरक्षा व पड़ोसी देश होने के नाते ठीक नहीं है।

उत्तराखंड के डीजीपी अनिल कुमार रतूड़ी का कहना है कि भारत आने के बाद हर विदेशी नागरिक की अपडेट रिपोर्ट पुलिस के पास रहती है। चीनी नागरिकों की आवाजाही राज्य में पहले से कम है। इसे सुरक्षा से जोड़ना गलत है।

छह माह में उत्तराखंड आए चीनी नागरिक 

माह——राज्य में——अकेले दून में

मार्च——355———–280

अप्रैल—–206———–104

मई——196————87

जून——162———–63

जुलाई—-141———–51

अगस्त—-70———–36

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