सिंगापुर से आर्थिक सहयोग और मजबूत होगा
दुनिया भर के देशों से हमारा आर्थिक सहयोग चल रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी विदेश यात्राओं के दौरान इस बात का विशेष ध्यान भी रखा है। इसीलिए हाल ही में श्री मोदी जब सिंगापुर पहुंचे तो 2004 में हुए भारत-सिंगापुर आर्थिक सहयोग समझौते की समीक्षा करके उसे और आगे बढ़ाने पर सहमति बनी है। श्री मोदी ने सिंगापुर से रक्षा संबंधों को भी नई धार दी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली एच लूंग द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने पर सहमत हुए हैं। दोनों पक्षों ने रक्षा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के साथ ही नौसेनाओं के बीच लॉजिस्टिक सहयोग सहित आठ समझौतों पर हस्ताक्षर किए। दोनों नेताओं के बीच आपसी हितों से जुड़े क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विस्तृत बातचीत हुई। उन्होंने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांतिपूर्ण, मुक्त तथा दोस्ताना नौवहन परिवेश की वकालत की। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और सिंगापुर के बीच रणनीतिक साझेदारी समय की कसौटी पर खरी उतरी है। ली के साथ विस्तृत चर्चा के बाद जारी एक संयुक्त बयान में मोदी ने कहा, हमने विस्तृत आर्थिक सहयोग समझौते (सेका) की दूसरी समीक्षा सफलतापूर्वक पूरी कर ली है, हालांकि हम इस बात पर सहमत हैं कि यह केवल हमारा लक्ष्य मात्र ही नही है, बल्कि इसके जरिये हम नए मुकाम हासिल करेंगे। दोनों नेताओं की उपस्थिति में दोनों देशों के बीच लोक सेवा अधिकारियों के प्रशिक्षण, साइबर सुरक्षा, मादक पदार्थ नियंत्रण और दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच एक-दूसरे के साजो-सामान और सुविधाओं में सहयोग सहित कई क्षेत्रों में सहमति ज्ञापनों का आदान-प्रदान किया गया। उन्होंने कहा, हमारे अधिकारी जल्दी ही इस समझौते को बेहतर बनाने और समीक्षा करने पर चर्चा शुरू करेंगे। भारत और सिंगापुर के बीच 2004 में व्यापक आर्थिक सहयोग समझौता होने के बाद से दोनों देशों का द्विपक्षीय व्यापार दोगुने से भी अधिक हो गया है। इस दौरान द्विपक्षीय व्यापार 12 अरब सिंगापुर डॉलर (8.97 अरब डॉलर) से बढ़कर 25 अरब सिंगापुर डॉलर (18.69 अरब डॉलर) हो गया है। वित्त वर्ष 2016 मे सिंगापुर भारत में दूसरा सबसे बड़ा निवेशक रहा है। मोदी ने दोनों देशों के बीच करीबी रक्षा सहयोग की तारीफ की और दोनो देशों की नौसेनाओं के बीच लॉजिस्टिक समझौता पूरा होने का स्वागत किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आने वाले समय में साइबर सुरक्षा, चरमपंथ और आतंकवाद से निपटना हमारे बीच सहयोग के महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में होगा। मोदी और ली ने क्षेत्रीय तथा वैश्विक चुनौतियों पर विचारों का आदान-प्रदान किया, समुद्री सुरक्षा पर अपना रूख दोहराया और नियम आधारित वैश्विक व्यवस्था के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई। दोनों नेताओं के बीच मुक्त, स्थिर और स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय व्यापार माहौल बनाए रखने पर सहमति बनी। मोदी ने कहा, हम हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांतिपूर्ण, मुक्त और मित्रवत समुद्री परिवेश बनाने पर सहमत हुए। वहीं
प्रधानमंत्री ली ने कहा कि द्विपक्षीय रक्षा संबंध और मजबूत हुए हैं। हमारे रक्षा
संबंध मजबूत हुए हैं, हमारी नौसेनाओं के बीच लॉजिस्टिक क्षेत्र में सहयोग पर आज समझौता हुआ और इस वर्ष सिंगापुर-भारत द्विपक्षीय नौवहन अभ्यास की 25वीं वर्षगांठ भी मनाएंगे।