ग्रामीणों में बीमारियां फैलने की आशंका

विकासनगर। सेलाकुई और लांघा रोड पर करीब 350 फैक्ट्री संचालित हो रही हैं। इन औद्योगिक इकाइयों में प्रतिदिन हजारों टन माल उत्पादित किया जाता है। जिसके चलते यहां से प्रतिदिन भारी मात्रा में जैविक और अजैविक कूड़ा निकलता है। इस कूड़े को आबादी से सटे क्षेत्रों विशेषकर नदियों में जलाया जा रहा है। रासायनिक अवशिष्ट के बस्तियों में फैलने से क्षेत्र की फिजा में जहर घुल रहा है, जिससे ग्रामीणों में बीमारियां फैलने की आशंका बनी है। इसके बाद भी जिम्मेदार इस ओर ध्यान नहीं दे रहे है। जिससे यह समस्या बढ़ती जा रही है। उधर, एसडीएम जितेंद्र कुमार का कहना है कि प्रत्येक औद्योगिक इकाई को पर्यावरण संबंधी मानकों का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। नियमों का पालन नहीं किए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
जल प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम 1974 की धारा 25 एवं वायु प्रदूषण अधिनियम 1981 की धारा 21 के तहत पर्यावरण की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाने की शर्तों पर पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण विभाग उद्योग की स्थापना के लिए स्थान की सहमति दे सकता है। कूड़ा संग्रह एवं निस्तारण की व्यवस्था होना अनिवार्य शर्त है। प्रदूषित इकाइयों से एक साल में नमूना लिया जाना आवश्यक है। प्रदूषण अधिक पाए जाने पर औद्योगिक प्रतिष्ठान का पानी व बिजली कनेक्शन काटने का प्रावधान भी है।

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