डॉ गौरव संजय ने विश्व हड्डी रोग कांग्रेस में सीपी पर शोध पत्र प्रस्तुत किया

देहरादून, । हाथ और पैरों का चलना उतना ही महत्वपूर्ण है जितना हृदय और फेफड़ों का चलना। जीवन के हर चरण में गति महत्वपूर्ण है, हालांकि यह बचपन में अधिक महत्वपूर्ण होती है। स्वस्थ्य पैरों से चलना किसी भी बच्चे के सर्वांगींण विकास के लिए बहुत बढ़ा योगदान देता है। किसी भी व्यक्ति के जीवन में 70 प्रतिषत गतिविधियां दोनों पैरों से होती हैं। पैर षरीर की गति का केंद्र हैं। पैरों के स्वस्थ होने पर ही रक्त का प्रवाह सुचारू रूप से होता है, इसलिए जिन लोगों के पैर मजबूत होते हैं निष्चित रूप से उनका हृदय भी मजबूत होता है।सेरेब्रल पाल्सी (सीपी) का मतलब है मस्तिष्क का पक्षाघात। दूसरे शब्दों में मस्तिष्क का ठीक ढंग से काम ना करना। सीपी., विकृति के मुख्य कारणों में से एक है। सीपी सांस लेने में रुकावट के कारण होती है जो किसी भी कारण से जन्म के दौरान या बाद में हो सकती है।

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