डीएम सी रविशंकर ने मासिक बैठक मे विभागों के अधिकारियों को दिये निर्देश

देहरादून । जिलाधिकारी सी रविशंकर की अध्यक्षता में कलेक्टेट सभागार में राजस्व विभाग और सम्बन्धित विभागीय अधिकारियों के साथ विभागीय मासिक समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। जिलाधिकारी द्वारा समीक्षा बैठक में सभी अधिकारियों और कार्मिकों को विभिन्न न्यायालयों में और विभिन्न प्रकार के लम्बित वादों (अभियोजन) के त्वरित निस्तारण, राजस्व वसूली में सुधार करने, मा0 न्यायालय के निर्देशों, माननीय मुख्यमंत्री कार्यालय और सामान्य जनता की ओर से आने वाले शिकायती प्रकरणों के त्वरित और उचित समाधान करने के साथ ही जन उपयोगी और जन केन्द्रित प्रशासन में सहायक सूचना का अधिकार, सेवा का अधिकार, मुख्यमंत्री हेल्पलाईन (1905) तथा मुख्यमंत्री डेश बोर्ड इत्यादि नये स्मार्ट मैकेनिज्म में उचित संज्ञान लेते हुए आपसी समन्वय से कार्यों को तेजी से निस्तारित करने के निर्देश दिये। उन्होंने राजस्व विभाग के कार्याें से जुड़े अन्य विभागों यथा पुलिस, अभियोजन विभाग, आबकारी, परिवहन, खाद्य आपूर्ति, खनन, उप निबन्धक कार्यालयों से भी उचित समन्वय स्थापित करते हुए आपसी वार्तालाप-पहल से कार्यों की प्रगति बढाने के निर्देश दिये। उन्होंने ऐसी तहसीलों जिनकी फौजदारी और राजस्व वादों के निस्तारण में प्रगति न्यून रहने पर सम्बन्धित उप जिलाधिकारी व तहसीलदार-नायब तहसीलदारों ऐसे मामलों का त्वरित संज्ञान लेते हुए समीक्षा करें और विवेचना में तेजी लाते हुए प्रकरणों का निस्तारण करवाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि जिन मामलों में पुनः अवलोकन करने की जरूरत है। उनमें पुनः अवलोकन करते हुए प्रकरणों का निपटारा करें। उन्होंने सभी तरह के न्यायालयों में जिस स्तर पर भी प्रकरण लम्बित है उनकी वर्तमान वस्तुस्थिति दर्शाते हुए सभी वादों का विवरण प्रेषित करने के भी निर्देश दिये। साथ ही कहा कि भविष्य में प्रत्येक तहसीलों का एक साथ और पूरा डाटा कम्पाइल करके प्रस्तुत किया जाय। जिलाधिकारी ने उप निबन्धक विकासनगर के आवंटित लक्ष्यों के सापेक्ष प्रगति न्यून होने तथा बैठक में अनुपस्थित होने को गंभीरता से लेते हुए उनके स्पष्टीकरण के निर्देश दिये। साथ ही सहायक निबन्धक स्टाम्प को भी सम्बन्धित विभागों से समन्वय बनाते हुए और अधिक प्रगति बढाने के निर्देश दिये। उन्होंने प्रत्येक पटल सहायक को मुख्यमंत्री कार्यालय से अथवा किसी भी प्रकार से प्राप्त होने वाले शिकायती आवेदनों को तेजी से निस्तारण हेतु आवेदन को समय से उत्तर प्रेषित करने और उसका प्रतिउत्तर ना मिलने पर दो रिमाइण्डर प्रेषित करते हुए यदि मामला निस्तारित नही होता हो तो उच्चाधिकारी के स्तर से उसका निस्तारण करवाने के निर्देश दिये, किन्तु किसी भी प्रकार अनावश्यक लम्बित न रखने की चेतावनी दी। उन्होंने सम्बन्धित उप जिलाधिकारियों को दुर्घटना से सम्बन्धित प्रकरणों में त्वरित जांच पूर्ण करने, मुख्यमंत्री हेल्पलाईन प्रकरणों में त्वरित निस्तारण हेतु एल1 अधिकारियों की लगातार समीक्षा बैठक करने, सूचना का अधिकार व सेवा का अधिकार  मामलों में भी उचित संज्ञान लेने और ‘सीएम डेश बोर्ड’ में सम्बन्धित कार्यों की सूचनाएं अपलोड करवाने हेतु आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने सभी तहसीलों को रिटायरमेन्ट कार्मिकों के पेंशन अथवा उनके प्रकरणों के त्वरित निराकरण हेतु तृतीय शनिवार के आधे दिन कर्मचारियों की कार्यशाला का आयोजन करते हुए उसमें उनसे ही सम्बन्धित कार्यों को निपटाने के निर्देश दिये।  उन्होंने जिला आबकारी अधिकारी को राजस्व के लक्ष्यों को प्राप्त करने हेतु दुकानों से प्रतिपूर्ति को मानक के अनुसार समय से जमा करवाने और अवैध शराब की पूर्व में ही निगरानी करते हुए इसकी रोकथाम करने के निर्देश दिये।
बैठक में तहसीलदार चकराता ने अवगत कराया कि कालसी-चकराता और त्यूनी तहसीलों में कार्मिकों की कमी होने के चलते रूटीन कार्य प्रभावित हो रहे हैं, जिस पर जिलाधिकारी ने इसका प्रस्ताव देने और सभी तहसीलों को पद सृजन व कार्मिकों की कमी पूरी करने हेतु शीघ्रता से अधियाचन प्रस्तुत करने के निर्देश दिये।
इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी वित्त/राजस्व बीर सिंह बुदियाल, अपर नगर मजिस्टेªट मायाराम जोशी, सहायक महा निरीक्षक निबन्धन/सहायक आयुक्त स्टाम्प अरूण प्रताप सिंह, जिला आबकारी अधिकारी मनोज उपाध्याय, जिला पूर्ति अधिकारी जसंवत सिंह कण्डारी, उप जिलाधिकारियों सहित तहसीलों के कार्मिक उपस्थित थे।

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