टिहरी बांध के कारण विस्थापितों का धरना
देहरादून। टिहरी बांध के चलते विस्थापन न होने से टिहरी बांध प्रभावितों में भारी रोष व्याप्त है। टिहरी बांध प्रभावितों ने कलक्ट्रेट में धरना दिया। इस दौरान पुनर्वास निदेशक को ज्ञापन सौंपकर प्रभावितों के विस्थापन की मांग उठाई। बताया कि टिहरी बांध के कारण 17 गांवों के 415 परिवार खतरे के साये में जीने को मजबूर हैं। भू-धंसाव और पानी की समस्या से ग्रामीण परेशान हैं।
आंशिक डूब क्षेत्र संघर्ष समिति के बैनरतले टिहरी बांध प्रभावित उठड़, पयालगांव, नौताड़, नंदगांव, रौलाकोट, गडोली, भटकण्डा, चोपड़ा, पिपोलाखाल आदि के ग्रामीणों ने कलक्ट्रेट में धरना दिया। साथ ही सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए जल्द विस्थापन की मांग की। समिति के अध्यक्ष सोहन सिंह राणा ने कहा कि वर्ष 2010 में टिहरी बांध झील का जलस्तर आरएल 830 मीटर से अधिक बढ़ने पर झील से लगे क्षेत्र में भू-धंसाव की समस्या उत्पन्न हुई थी। तब सरकार ने समस्या को देखते हुए विशेषज्ञ समिति से भिलंगना व भागीरथी घाटी के 45 गांवों का निरीक्षण कराया। जिसके बाद भिलंगना घाटी में 9 और भागीरथी घाटी में 8 गांव समेत कुल 17 गांवों के विस्थापन की संस्तुति विशेषज्ञ समिति द्वारा की गयी।