जनविरोधी जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण को समाप्त करने की मांग
अल्मोड़ा। अल्मोड़ा के नागरिकों द्वारा विगत कई माह से शासन द्वारा मनमाने तरीके से थोपे गये जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण को समाप्त किये जाने की मांग को लेकर लम्बे समय से आदांलन किया जा रहा है। यह प्राधिकरण लगाया जाना शासन की हठधर्मिता का द्योतक प्रतीत हो रहा है। इस प्रधिकरण से जनता में काफी रोष है । इस प्रधिकरण से पुरातन नगर एंव जिले के नागरिकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है । भवनों के नक्शे पास कराने के लिए प्रभाधिकरण कार्यालय एवं अधिकारियों के चक्कर काटने पड़ रहे है एवं भवनों के नक्शे पास कराने के लिए भारी शुल्क की मार जनता पर पड़ रही है जिससे जनता में रोष साफ दिखाई दे रहा है। विगत दिनों सर्वदलीय संघर्ष समिति द्वारा इस जनविरोधी जिला स्तरीय विकास प्रधिकरण को समाप्त किये जाने के समबन्ध में ज्ञापन सौपा गया था अधिकारियों द्वारा केवल 06 माह से आश्वासन ही मिल रहा है । वक्ताओं ने प्रधिकरण को लेकर विरोध प्रकट किया। वक्ताओं का कहना कि शासन द्वारा 70 प्रतिशत शुल्क कम करने की घोषणा की गई थी लेकिन अधिकारियों एवं मंत्री जी का आश्वासन केवल छलावा बन कर रह गया। सर्वदलीय संघर्ष समिति को जिलाधिकारी द्वारा सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाने की बात कही गयी है। सर्वदलीय संघर्ष समिति द्वारा पिछले 40 दिनों से चल रहा धरना स्थागित कियार गया है। आज पुनः व्यापक जनहित को देखते हुए ज्ञापन के माध्यम से आग्रह किया गया हमारी मांग पर पुर्नविचार कर जनविरोधी जिला स्तरीय विकास प्रधिकरण को निरस्त किया जाये अन्यथा सरकार और प्रशासन के खिलाफ उग्र आदोंलन किया जायेगा। ज्ञापन देने वालों में निवर्तमान पालिकाध्यक्ष श्री प्रकाश चंद्र जोशी,आनंद सिंह नागड़वाल,आनंद सिंह एरी,अख्तर हुसैन,केवल सती,परवेज़ सिद्क्की,मो.शब्बीर, वरिष्ठ अधिवक्ता रोहित कार्की,पी सी तिवारी,लक्ष्मण सिन ऐठानी,प्रकाश पांडेय, अशोक पांडेय,राजीव कर्नाटक,दीपांशु पाण्डे,यूसुफ तिवारी,डॉ जे सी दुर्गापाल,रेखा घसमान,दी के अग्रवाल,तारा चंद्र साह, पुरन चंद्र तिवारी,मदन सिंह मटेलाइ गौरव वर्मा सरिता टम्टा कुन्दन लटवाल आदि लोग उपस्थित थे।