अपना सबकुछ लुटा बैठे शख्स को पुलिस ने रुलाया तो PMO ने पोछे आंसू
नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आम लोगों की उम्मीदें इतनी बढ़ गई हैं कि घर में चोरी होने पर पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया तो पीड़ित ने उनके नाम ही पत्र लिख दिया। यह महज एक पत्र नहीं, बल्कि देश के नेतृत्व में भरोसा को भी दर्शाता है।
पीएमओ ने भी इस पर तत्काल संज्ञान लिया और आखिरकार गीता कॉलोनी थाना पुलिस ने पीएम को लिखे पत्र को ही आधार बनाकर एफआईआर दर्ज की। यह वारदात झील खुरंजा में हुई थी।
प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में भारतीय डाक सेवा से सेवानिवृत्त डाकिया 62 वर्षीय बुजुर्ग सुरेंद्र कुमार ने जहां बेटी के ब्याह के लिए संजोकर रखी संपत्ति चोरी होने की पीड़ा बयां की, वहीं नोटबंदी और जीएसटी को देशहित में उठाए गए कदम बताए।
झील खुरंजा निवासी सुरेंद्र कुमार ने पत्र में लिखा है कि उन्होंने 35 साल तक बतौर डाकिया देश की सेवा की और बेटी के ब्याह के लिए जिंदगीभर की कमाई में से थोड़ा-थोड़ा बचाकर जेवरात खरीदे थे। 23 अगस्त 2016 को पत्नी की असमय मौत हो गई, इसलिए बेटी का हाथ भी पीला नहीं कर सके।
इस सदमे से वह उबर भी नहीं पाए थे कि 9 अगस्त 2017 को चोरों ने जेवरात समेत कई कीमती सामान पर हाथ साफ कर दिया। सारे जेवरात उनकी पत्नी ने संजोकर रखे थे। वारदात के बाद वह थाने के चक्कर लगाते रहे, लेकिन पुलिस ने मामला तक दर्ज नहीं किया, इसलिए उन्होंने पत्र में कानून व्यवस्था पर भी सवाल उठाया।
साथ ही इस वारदात को पड़ोसियों की सोची समझी साजिश बताते हुए सीबीआई जांच कराने से लेकर चोरी हुआ सामान वापस दिलाने तक की मांग की। एफआईआर में भी इस पत्र को हू-ब-हू उतारा गया है। सुरेंद्र कुमार को मंगलवार को एफआइआर की कॉपी भी मिल गई।
घर से ये सामान चोरी हुए
पत्र में सुरेंद्र कुमार ने बताया कि चोर 15 से 20 तोला सोने के जेवरात चुरा ले गए। इनमें चेन, हार, कानों की बालियां, सोने का सेट, अंगूठी, एक छल्ला लॉकेट, चूड़ियां और मंगलसूत्र शामिल हैं। इसके अलावा चोर एक लैपटॉप, एक टैब ओर दो मोबाइल भी चुरा ले गए।