पर्वतीय जिलों में खनन न खुलने से कांग्रेस सरकार से खफा

देहरादून : प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने वर्ष 2013 की भीषण आपदा के बाद केदार घाटी क्षेत्र में मंदाकिनी और काली गंगा पर क्षतिग्रस्त कई झूला पुलों का अभी तक निर्माण नहीं होने और पर्वतीय जिलों में खनन पट्टे नहीं खुलने पर रोष जताया है। पार्टी का आरोप है कि विभागीय लापरवाही के चलते पुलों का निर्माण नहीं हो पाया है। वहीं खनन नहीं खुलने से जिलों में सरकारी और गैर सरकारी क्षेत्रों में निर्माण नहीं हो पा रहे हैं।

पार्टी प्रतिनिधिमंडल ने उक्त संबंध में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह से भेंटकर उन्हें ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में उक्त मामलों में शीघ्र निर्णय नहीं लेने पर आंदोलन की चेतावनी दी गई है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह व केदारनाथ क्षेत्र के विधायक मनोज रावत ने राजीव भवन में बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में राज्य सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि मंदाकिनी नदी पर निर्माणाधीन विजयनगर का 108 मीटर लंबा झूला पुल, चंद्रापुरी में 80 मीटर लंबा झूला पुल, फाटा रेल गांव का 48 मीटर लंबा झूला पुल और स्यांसूगढ़ का 80 मीटर लंबा झूला पुल अभी तक नहीं बन पाया है।

इन पुलों के न होने से कई भीषण दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। पिछली कांग्रेस सरकार ने चंद्रापुरी व रेल गांव के पुलों के निमा्रण को धनराशि उपलब्ध कराई थी, लेकिन विभागीय लापरवाही से पुलों का निर्माण कार्य नहीं हो पाया।

उन्होंने पर्वतीय जिलों रुद्रप्रयाग, चमोली, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़ व बागेश्वर में खनन पट्टे नहीं खोलने के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि उक्त जिलों में छोटे-छोटे नाप खेतों में खेती सुधार को अल्पकालीन स्वीकृति नहीं मिल रही है। कांग्रेस नेताओं ने राज्य की कानून व्यवस्था चरमराने का आरोप भी लगाया।

पत्रकारवार्ता के बाद कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य सचिव से मुलाकात कर उक्त बिंदुओं को लेकर उन्हें ज्ञापन भी सौंपा। प्रतिनिधिमंडल में विधायक मनोज रावत के साथ ही पूर्व विधायक राजकुमार, प्रदेश कांग्रेस मुख्य प्रवक्ता मथुरादत्त जोशी, प्रवक्ता गरिमा दसौनी, प्रदेश सचिव रीता पुष्पवान व प्रभुलाल बहुगुणा शामिल थे।

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